अमेरिकी रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद अब सॉफ्टबैंक भी इससे बाहर निकलने की तैयारी कर रही है. जापान की सॉफ्टबैंक फ्लिपकार्ट में अपनी 21 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने के लिए तैयार हो गई है.
दरअसल पिछले कई दिनों से सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी को लेकर असमंजस बना हुआ था. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अब सॉफ्टबैंक ने साफ कर दिया है कि वह फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेचेगा. बताया जा रहा है कि सॉफ्टबैंक के सीईओ मासोयोसी सन ने यह फैसला दो वजहों से लिया है.
इसमें पहली वजह टैक्स देनदारी थी, जो इस डील से जुड़ी थी. इसके अलावा फ्लिपकार्ट के भविष्य में होने वाले संभावित वैल्यूवेशन को देखते हुए भी उन्होंने यह फैसला लिया.
इसी बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि सॉफ्टबैंक फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में बने रहने के लिए नये मौके तलाश रहा है. बताया जा रहा है कि अब सॉफ्टबैंक पेटीएम मॉल का रुख कर सकती है और अपना निवेश इसमें बढ़ा सकती है. कंपनी इसमें 3 अरब डॉलर (तकरीबन 204 अरब रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है.
बता दें कि इससे पहले ईबे इंडिया ने भी फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना की बात कही थी. ईबे ने कहा था कि वह फ्लिपकार्ट में अपनी 1.1 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. कंपनी ने कहा है कि वह भारत में अपने कारोबार को नये सिरे से शुरू करेगी.
कंपनी ने कहा है कि उसने इसकी जानकारी फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट को दे दी है. कंपनी अब क्रॉस बॉर्डर के कारोबार पर फोकस करेगी. उसने कहा कि वह ईबे इंडिया को एकदम नये सिरे से लॉन्च करेगी.
बता दें कि वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को खरीद लिया है. इस डील को दोनों कंपनियों ने 16 बिलियन डॉलर (1,07200 करोड़ रुपये) पर तय किया है. फ्लिपकार्ट के उप-संस्थापक सचिन बंसल ने कंपनी में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
ऐलान के मुताबिक वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी ली है. भारत के ई-कॉमर्स के इतिहास में यह अबतक की सबसे बड़ी डील है. वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट में करार के बाद भारत में वॉलमार्ट का कारोबार लगभग 10 बिलियन डॉलर का हो जाएगा.