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टूरिज्म सेक्टर को लोन देकर मदद देगी केंद्र सरकार, क्या जल्द खोले जा सकते हैं यात्रा के रास्ते?

सरकार को उम्मीद है कि उनके इस फैसले से टूरिज्म सेक्टर को मदद मिलेगी. हालांकि पहले से कर्ज में डूबे लोग लोन लेना कितना पसंद करेंगे, यह चर्चा का विषय है. सरकार के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि आने वाले  दिनों में टूरिज्म को फिर से खोला जा सकता है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का महत्वपूर्ण ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का महत्वपूर्ण ऐलान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टूरिज्म सेक्टर के लिए केंद्र सरकार आया आगे
  • टूरिस्ट कंपनियां और गाइड को मिलेगा लोन

कोरोना वायरस ने एक तरफ लोगों की सेहत पर प्रभाव डाला है. वहीं दूसरी तरफ इसके संक्रमण पर रोकथाम के लिए लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंध या यूं कहें लॉकडाउन ने देश की सेहत पर बुरा प्रभाव डाला है. खासकर टूरिज्म सेक्टर तो इस लॉकडाउन की वजह से बर्बाद हो गया है. क्योंकि लॉकडाउन में बाहर घूमने पर प्रतिबंध है. ऐसे में भारत सरकार की तरफ से इस सेक्टर को मजबूती देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को टूरिज्म सेक्टर को मजबूती देने के लिए ट्रेवल एजेंसी को दस लाख का लोन और टूरिस्ट गाइड के लिए एक लाख रुपये तक के लोन देने की घोषणा की है. जाहिर है आर्थिक मंदी झेल रहे टूरिस्ट गाइड और टूरिज्म एजेंसी को सरकार के इस फैसले से थोड़ी राहत मिलेगी. केंद्र सरकार के इस फैसले से 10,700 टूरिस्ट गाइड को फायदा होने वाला है. हालांकि इस लोन पर कितना इंटरेस्ट लिया जाएगा या यह लोन, कर फ्री होगा, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है.

सरकार को उम्मीद है कि उनके इस फैसले से टूरिज्म सेक्टर को मदद मिलेगी. हालांकि पहले से कर्ज में डूबे लोग, लोन लेना कितना पसंद करेंगे, यह चर्चा का विषय है. सरकार के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि आने वाले  दिनों में टूरिज्म को फिर से खोला जा सकता है. 

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और पढ़ें- मोदी सरकार का एक और राहत पैकेज, कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ का ऐलान

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार 8 आर्थिक राहत पैकेज ऐलान किए जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि इनमें से चार बिल्‍कुल नए हैं और एक खास तौर पर हेल्‍थ इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए है. कोरोना की दूसरी लहर से कई सेक्टर्स संकट में हैं, और सरकार से लगातार मदद की मांग की जा रही है. 

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पिछले दिनों सरकार ने भी संकेत दिया था कि उन सेक्टर्स को मदद के लिए सरकार विचार कर रही है. जो सबसे ज्यादा संकट में हैं. गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना महामारी से प्रभावित इकोनॉमी को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था. सरकार का ये राहत पैकेज कुल 27.1 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि कुल जीडीपी का 13 फीसदी से भी ज्यादा था.

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