बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज के बारे में बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने सैलरीड क्लास और टैक्सपेयर्स के लिए भी खास ऐलान किए.
वित्त मंत्री ने बताया कि स्रोत पर कर कटौती या टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की दरों में 25 फीसदी की कमी की जाएगी. यह कमीशन, ब्रोकरेज या अन्य सभी तरह के पेमेंट पर लागू होगा. टीडीएस दरों में कमी आज यानी 13 मई से ही लागू हो गई है और मार्च 2021 तक रहेगी. टीडीएस कटौती से लोगों को 55 हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा. इसी तरह, टीसीएस ( स्रोत पर संग्रह कटौती) पर भी 25 फीसदी कटौती की राहत मिली है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी का 100 रुपये का टीडीएस/टीसीएस बनता है तो उसे 75 रुपये ही देने होंगे.
क्या होता है टीडीएस
टैक्सपेयर्स की सैलरी में से टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) कटौती की जाती है. इसके जरिए सरकार पैसे जुटाती है. टीडीएस विभिन्न तरह के इनकम सोर्स पर काटा जाता है. मसलन, सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर टीडीएस काटा जाता है. कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है.
Government to infuse Rs 50,000 crores liquidity by reducing rates of TDS, for non-salaried specified payments made to residents, and rates of Tax Collection at Source for specified receipts, by 25% of the existing rates. #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/LR1jhG9ovY
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 13, 2020
क्या है टीसीएस
टीसीएस ( स्रोत पर संग्रह कटौती) का शॉर्ट फॉर्म है. भारत में कुछ सामानों पर एक खास वर्ग के खरीदार से टैक्स वसूला जाता है. इसी को टीसीएस टैक्स कहते है. खरीदार से टैक्स कलेक्ट कर सेलर भारत सरकार को सौंप देता है.