केंद्र सरकार को आशा है कि 21 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश होगा और पारित हो जाएगा. विधेयक में देश की 1.2 अरब आबादी के लगभग 67 फीसदी हिस्से को भोजन का अधिकार दिया गया है.
केंद्रीय खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने कहा, 'हम इस विधेयक को बजट सत्र में पेश करने और पारित करवाने की आशा रखते हैं. ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके.' थॉमस यहां राज्य के खाद्य मंत्रियों को सम्बोधित कर रहे थे.
कांग्रेस के 2009 के आम चुनाव के घोषणा पत्र का हिस्सा रहा प्रस्तावित विधेयक, 2014 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का प्रमुख मुद्दा होगा, जिसे वह चुनाव में भुनाना चाहेगा. थॉमस ने कहा कि विधेयक को दिसम्बर 2011 में लोकसभा में पेश किया गया था और उसे संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था. सिफारिशों को शामिल करने के बाद अब संशोधित विधेयक तैयार किया गया है.
पहले विधेयक में हर गरीब व्यक्ति को प्रति माह सात किलोग्राम खाद्यान्न देने का सुझाव था, जिसके तहत चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज क्रमश: तीन, दो और एक रुपये की दर से दिए जाने थे. समिति ने इसकी जगह समान दर से पांच किलोग्राम खाद्यान्न देने का सुझाव दिया है. प्रस्तावित विधेयक पर आखिरी सम्मति लेने के लिए राज्यों के खाद्य मंत्रियों को बुलाया गया है.