देश के शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में सोमवार को मजबूती के रुख के साथ शुरुआत हुई. वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये ने भी मजबूत शुरुआत की है. लेकिन भारत के शेयर बाजार के साथ-साथ दुनियाभर के शेयर बाजारों पर कई दबाव एक साथ काम कर रहे हैं. इन दबावों के चलते जानकारों का मानना है कि पूरे कारोबारी हफ्ते दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों पर दबाव कायम रहेगा.
भारतीय बाजार में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सोमवार सुबह 11.45 बजे 152.78 अंकों की मजबूती के साथ 29,518.69 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 57 अंकों की बढ़त के साथ 9,177.00 पर कारोबार करते देखे गए. बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 42.38 अंकों की मजबूती के साथ 29,407.68 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 15.95 अंकों की बढ़त के साथ 9,135.35 पर खुला था.
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि मौजूदा कारोबारी हफ्ते में रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक बाजारों के संकेत और फ्रांस में चुनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार दबाव में रहेंगे वहीं फ्रांस के नतीजों, उत्तर कोरियाई विवाद, यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की बैठक और डोनाल्ड ट्रंप का एच-1बी वीजा पर रुख दुनियाभर के शेयर बाजारों को प्रभावित करेंगे.
वैश्विक शेयर बाजार पर इनका होगा असर
1. फ्रांस चुनाव
फ्रांस में राष्ट्रपति पद का चुनाव अहम मोड़ पर है. रविवार को हुई वोटिंग के बाद इमैनुअल मैकरॉन और मरीन ली पेन ने इस दौड़ के दूसरे चरण में प्रवेश कर लिया है. अब अगले चरण में इन दोनों की किस्मत का फैसला होगा. अगर चुनावों में जीत 48 वर्षीय ली पेन की होती है तो फ्रांस को पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी और अगर बाजी 39 साल के मैकरॉन के हाथ लगती है तो वे अब तक फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे.
2. उत्तर कोरिया विवाद
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध जैसे हालात पैदा होने से वैश्विक शांति पर खतरा मंडरा रहा है. संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजनयिक किम इन रयोंग ने साफ तौर पर कहा कि उनका देश हर हफ्ते परमाणु परीक्षण करेगा और और उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति दावा कर चुके हैं कि उसके महज 3 परमाणु बम पूरी दुनिया को तबाह करने के लिए पर्याप्त हैं. वैश्विक जानकारों का मानना है कि उत्तर कोरिया की तरफ से की जा रही उकसावे की कोशिश का यदि अमेरिका जवाब देता है तो दुनियाभर के शेयर बाजारों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने की पूरी संभावना है.
3. यूरोपियन सेंट्रल बैंक ईसीबी
यूरोपियन सेंट्रल बैंक इस हफ्ते गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति को घोषणा करने जा रही है. जर्मनी लगातार यूरोपीय बैंक पर दबाव बना रहा है कि उसे भी अमेरिकी फेडरल बैंक की तर्ज पर अपनी आर्थिक नीति निर्धारित करने की जरूरत है. यूरोप के ज्यादातर देशों का मानना है कि बीते वर्षों में यूरोप को दुनियाभर को साथ लेकर चलने की नीति का उम्मीद के मुताबिक पायदा नहीं मिला है, लिजाहा उसे अब अमेरिका के तर्ज पर खुद को केन्द्र में रखने हुए मौद्रिक नीति के निर्धारण का काम करना चाहिए.
4. एच-1बी वीजा पर ट्रंप का रुख
अमेरिका में एच-1बी वीजा का मुद्दा बेदह गर्म हो चुका है, राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नीति में बड़े फेरबदल की पहल कर चुके हैं. इस नीति में बदलाव का सीधा असर उन विकासशील देशों पर पड़ेगा जहां से आईटी क्षेत्र की ग्रोथ अमेरिका से आउटसोर्सिंग पर निर्भर है. लिहाजा आने वाले दिनों में कोई अहम फैसला दुनियाभर के शेयर बाजारों पर अपना असर दिखाएंगी.
5. आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे
कंपनियों के तिमाही नतीजों के चलते खासतौर पर भारतीय शेयर बाजार के लिए मौजूदा हफ्ता अहम रहने वाला है. इस सप्ताह आने वाले अहम नतीजे में रिलायंस इंडस्ट्रीज , अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक, विप्रो, कोटक महिंद्रा और मारति सुजुकी जैसी कंपनियां हैं. पहले नोटबंदी, फिर वैश्विक कारणों से ज्यादातर कंपनियों के नतीजों पर बाजार की नजर है.