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ये रहे अघोषित आय का ऐलान करने वालों से पूछे जाने वाले सवाल

देश में काले धन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार की ओर से अघोषित आय को जाहिर करने के लिए दी गई मियाद इस महीने ही पूरी होने वाली है. इससे पहले सरकार की ओर से आयकर घोषणा योजना 2016 के छठे सेट के रूप में पूछे जाने वाले सवालों को साफ कर दिया है.

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नहीं होगा योजना के समय में कोई विस्तार
नहीं होगा योजना के समय में कोई विस्तार

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देश में काले धन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार की ओर से अघोषित आय को जाहिर करने के लिए दी गई मियाद इस महीने ही पूरी होने वाली है. इससे पहले सरकार की ओर से आयकर घोषणा योजना 2016 के छठे सेट के रूप में पूछे जाने वाले सवालों को साफ कर दिया है.

इस योजना के तहत वैसे लोगों को अघोषित आय और परिसंपत्तियों को घोषित करने का मौका दिया जा रहा है, जिन्होंने पहले पूरे टैक्‍स का भुगतान नहीं किया है. इसकी शुरुआत 1 जून 2016 को हुई और यह 30 सितंबर 2016 तक खुला है. योजना से जुड़े नियमों की अधिसूचना 19 मई 2016 को जारी की गई थी.

किस्तों में होगा रकम का भुगतान
योजना के भुगतान किस्तों में किया जा सकता है. यानी कुल रकम का 25 फीसदी भुगतान 30 नवंबर 2016 तक और अगले 25 फीसदी का भुगतान 31 मार्च 2017 तक इसके बाद बाकी 50 फीसदी रकम का भुगतान 30 सितंबर 2017 तक किया जाएगा.

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नहीं होगा योजना के समय में कोई विस्तार
योजना के नियमों के तहत प्रमुख मुद्दों को स्पष्ट करते हुए सवालों को सामने लाया गया है. मंत्रालय ने इस बात को दोहराया गया है कि 30 सितंबर 2016 को यह योजना बंद हो रही है. इस योजना के विस्तार का कोई मामला ही नहीं है. आय घोषित करने वालों से पूछे जाने वाले कुछ प्रमुख सवाल हैं-

• वैध घोषणा की जानकारी पूर्णत: गोपनीय रहेगी. इसे न ही किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा और न ही आयकर विभाग की ओर से जांचा जाएगा.

• इस योजना के तहत घोषित आय को 1 जून 2016 के अनुसार अधिग्रहण की लागत या उचित बाजार मूल्य (दोनों में जो भी अधिक होगा) के आधार पर निर्धारित किया जाएगा. हालांकि, समायोजित अधिग्रहण के स्टांप शुल्क मूल्य के आधार पर दर्ज अचल संपत्ति के मूल्यांकन के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के रूप में भी एक विकल्प मौजूद है.

• घोषित आय पर बिना दावे के किए गए टीडीएस के क्रेडिट की अनुमति दी जाएगी.

• बेनामी संपत्ति को बेनामीदार से घोषित करने वाले व्यक्ति के नाम हस्तांतरण में न ही कोई कैपिटल टैक्स देना होगा और न ही टीडीएस लगेगा.

• इसके तहत घोषित संपत्तियां न तो फर्जी देनदारियों ऑडिटेड बैलेंस शीट में दर्ज की जाएगी और न परिसंपत्ति के अधिग्रहण से जुड़े राशि के रूप में इस तरह के स्कीम के तहत खुलासा हो सकता है.

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