scorecardresearch
 

भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका फिर खारिज, 22 अगस्त तक रहेगा जेल में

भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत से फिर झटका मिला है. कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है और उसकी कस्टडी 22 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी. बता दें कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है. फरवरी 2018 में जब PNB घोटाला देश के सामने आया था, तभी से ही नीरव मोदी फरार है. तब से लेकर अब तक उसकी देश में कई करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

Advertisement
X
नीरव मोदी (फाइल फोटो Indiatoday.in)
नीरव मोदी (फाइल फोटो Indiatoday.in)

Advertisement

भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत ने फिर झटका दिया है. कोर्ट ने नीरव की जमानत याचिका खारिज कर दी है और उसकी कस्टडी 22 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी.

गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है. फरवरी 2018 में जब PNB घोटाला देश के सामने आया था, उसके पहले से ही नीरव मोदी फरार है.

केंद्रीय एजेंसियों ने तब नीरव मोदी की काफी खोजबीन की थी. महीनों बाद उसके ब्रिटेन में होने की जानकारी मिली थी. तब से लेकर अब तक देश में उसकी कई करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

पिछले दिनों सिंगापुर हाईकोर्ट ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के चार बैंक खाते जब्त करने का

Advertisement

आदेश दिया था. इन खातों में लगभग 44 करोड़ जमा होने की संभावना है. सिंगापुर हाईकोर्ट ने जिन खातों को जब्त करने के आदेश दिए थे, वह ब्रिटिश वर्जन आइसलैंड के नाम से रजिस्टर कंपनी के हैं, जिनमें पूर्वी मोदी और मयंक मेहता के नाम हैं.

बता दें कि पीएसबी को हजारों करोड़ का चूना लगाकर ब्रिटेन में शरण लिए नीरव मोदी को प्रत्यर्पित कर भारत लाने के प्रयास भी केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं. उसे ब्रिटेन की पुलिस ने 19 मार्च को होलबोर्न से गिरफ्तार कर लिया था. तब से वह पुलिस हिरासत में ही है.

नीरव मोदी की जमानत याचिका कई बार खारिज हो चुकी है. ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने उसके वकील को कड़ी फटकार भी लगाई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कई देशों में मामले दर्ज हैं. ऐसे में याची की इस दलील पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि उसके बाहर रहने पर सबूत नष्ट नहीं किए जाएंगे.

Advertisement
Advertisement