प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डिजिधन योजना के तहत सभी विजेताओं को सम्मानित किया. पीएम ने नागपुर में इसके तहत दोनों योजनाओं डिजिधन योजना और डिजिधन व्यापार योजना के विजेताओं को सम्मानित किया. महाराष्ट्र की लातूर की रहने वाली श्रद्धा मोहन मैनशेट्टी को 1 करोड़ का इनाम मिला. श्रद्धा ने मात्र 1590 रुपये का भुगतान किया था.
फोन की ईएमआई ने खोली किस्मत
महाराष्ट्र के लातूर की श्रद्धा मोहन मैनशेट्टी ने 1590 रुपये का भुगतान अपने मोबाइल फोन की किश्त चुकाने के लिये किया था. श्रद्धा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा हैं, उन्होंने सेंट्रल बैंक के रुपे कार्ड के जरिये यह पेमेंट की थी. श्रद्धा के पिता एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं, लेकिन एक डिजिटल पेमेंट ने उनकी किस्मत बदल दी.
Daughter of small Kiran store owner from Latur District in Maharashtra, Shraddha receives Rs.1 crore Mega Reward for using #DigitalPayments pic.twitter.com/6koTfNuBRV
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 14, 2017
शिक्षक बना लखपति
दूसरा पुरस्कार गुजरात के बैंक ऑफ बड़ोदा के रुपये कार्ड के जरिए 1100 रुपये के डिजिटल ट्रांजेक्शन पर हार्दिक कुमार चिमनभाई प्रजापति को 50 लाख रुपये मिले. पेशे के शिक्षक हैं
कपड़े की दुकान में करते हैं काम
तीसरा पुरस्कार भरत सिंह को मिला है, वे देहरादून उत्तराखंड से आते हैं. उन्होंने मात्र 100 रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन किया था. भरत ने पीएनबी के जरिए भुगतान किया था. भरत 37 साल के हैं, 9वीं तक पड़े हैं, कपड़े की दुकान में काम करते हैं.
गंगा सफाई के लिए दिये सारे पैसे
तमिलनाडु के वेस्ट तांबरम के जीआरटी ज्वैलर्स ने आईसीआईसीआई के जरिए महज 300 रुपये का भुगतान कर 50 लाख रुपये जीते. इसके तहत एमडी जीआर राधाकृष्णन ने किया पुरस्कार ग्रहण किया. उन्होंने इनाम में मिले पैसों को गंगा की सफाई के लिए दान किया. उनका बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने भी 50 लाख रुपये भी दान किये.
Rs. 1 crore, 50 lakh & 25 lakh Mega Rewards to small consumers for using #DigitalPayments by PM @narendramodi #LuckyGrahakYojana pic.twitter.com/ay5XjkE6JN
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 14, 2017
रेडिमेड गारमेंट बेचने वाला बना लखपति
रागिनी राजेंद्र उत्तेकर को दूसरा पुरस्कार मिला, उन्होंने 25 लाख रुपये का इनाम जीता. रागिनी ने मात्र 510 रुपये का भुगतान किया था. तो वहीं हैदराबाद के शेख रफी को तीसरा पुरस्कार मिला. उन्होंने 2000 रुपये का भुगतान किया था, जिसके बदले उन्हें 12 लाख रुपये का इनाम मिला. शेख रफी किसान परिवार से आते हैं, वह रेडिमेड गारमेंट का काम करते हैं.