इस साल के समाप्त होने में अब महज चंद दिन बचे हुए हैं. यह साल भी कई लोगों के लिए शानदार रहा होगा तो कई लोगों के लिए बुरी यादों वाला. बात भारत ही नहीं बल्कि एशिया के भी दूसरे सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी (Gautam Adani) की करें तो उनके लिए 2021 बंपर कमाई वाला साल साबित हुआ है. पिछले एक महीने में भले ही उनकी संपत्ति में कुछ कमी आई हो, लेकिन इसके बाद भी 2021 में गौतम अडानी की संपत्ति (Gautam Adani Networth) 120 फीसदी बढ़ी है.
इस साल दोगुनी से अधिक हो गई दौलत
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 23 दिसंबर 2021 को बाजार बंद होने के बाद गौतम अडानी के पास 76.5 बिलियन डॉलर का नेटवर्थ है. जब यह साल शुरू हुआ था, तब अडानी की कुल संपत्ति महज 34.9 बिलियन डॉलर थी. इस तरह अभी तक इस साल में अडानी की दौलत करीब 120 फीसदी बढ़ चुकी है.
कमाई के मामले में कई दिग्गजों से आगे अडानी
गौतम अडानी ने दौलत कमाने के मामले में इस साल कई दिग्गजों को मीलों पीछे छोड़ दिया. उन्हें ग्रीन एनर्जी कंपनी अडानी ग्रीन (Adani Green) समेत पोर्टफोलियो की कुछ अन्य कंपनियों के शेयर मार्केट में शानदार परफॉर्मेंस से संपत्ति बढ़ाने में मदद मिली है. एक समय तो ऐसा हाल हो गया था कि अडानी कई साल से देश के सबसे अमीर व्यक्ति बने बैठे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को पछाड़ने की कगार पर पहुंच गए थे.
एक महीने पहले अंबानी को पछाड़ने की दहलीज पर थे अडानी
करीब एक महीने पहले 25 नवंबर को मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की नेटवर्थ करीब-करीब बराबरी पर थी. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक उस दिन गौतम अडानी की दौलत मुकेश अंबानी की दौलत (Mukesh Ambani Networth) से महज 0.6 बिलियन डॉलर कम थी. मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 89.7 अरब डॉलर (करीब 6.68 लाख करोड़ रुपये) थी. वहीं गौतम अडानी की संपत्ति 89.1 अरब डॉलर (करीब 6.64 लाख करोड़ रुपये) हो गई थी.
ग्रीन एनर्जी में भी टकराने वाले हैं दोनों धनकुबेर
हालांकि बाद में अडानी की कुछ कंपनियों के शेयर लुढ़के, जिससे उनकी दौलत भी कम हुई. दूसरी ओर मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की तेजी बनी रही. इससे दोनों के बीच फिर ठीक-ठाक फासला हो गया है. आने वाले दिनों में दोनों दिग्गजों का मुकाबला ग्रीन एनर्जी सेक्टर (Green Energy Sector)में भी होने जा रहा है. इस सेक्टर में अडानी ग्रीन एनर्जी ने पहले ही एंट्री ली है. दूसरी ओर मुकेश अंबानी ने दुनिया भर में सौर, बैटरी और हाइड्रोजन परियोजनाओं में कई सौदे किए हैं.