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2012-13 के लिए अनुमानित विकास दर 5 फीसदी

मौजूदा कारोबारी साल में अनुमानित विकास दर पांच फीसदी रहेगी. गुरुवार को जारी सरकारी अनुमानों के मुताबिक इस सुस्त विकास दर का प्रमुख कारण कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है.

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मौजूदा कारोबारी साल में अनुमानित विकास दर पांच फीसदी रहेगी. गुरुवार को जारी सरकारी अनुमानों के मुताबिक इस सुस्त विकास दर का प्रमुख कारण कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है. यह विकास दर पिछले एक दशक में सबसे कम है. इससे पहले 2002-03 में विकास दर चार फीसदी रही थी.

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केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों के आधिकारिक बयान में कहा गया है, '2012-13 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि पांच फीसदी रहने का अनुमान है. 2011-12 में यह वृद्धि दर 6.2 फीसदी थी.' ताजा आंकड़ों के मुताबिक कृषि और सहायक गतिविधियों की विकास दर 1.8 फीसदी रहेगी, जो 2011-12 में 3.6 फीसदी.

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा कारोबारी साल में विकास दर क्रमश: 5.9 फीसदी और 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने आंकड़ों पर निराशा जताई और कहा कि वास्तविक आंकड़ा बेहतर रह सकता है. उन्होंने कहा, 'इसे ऊपर की ओर संशोधित किया जा सकता है.' आंकड़ों के मुताबिक कृषि, विनिर्माण, बिजली उत्पादन और खनन का प्रदर्शन सबसे खराब रहने वाला है.

आंकड़ों के मुताबिक कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र की विकास दर 1.8 फीसदी (पिछले कारोबारी साल में 3.6 फीसदी), विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 1.9 फीसदी (पिछले कारोबारी साल में 2.7 फीसदी) और गैस एवं जलापूर्ति क्षेत्र में 4.9 फीसदी (पिछले कारोबारी साल में 6.5 फीसदी) रह सकती है.

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खनन क्षेत्र विकास दर 0.4 फीसदी (पिछले कारोबारी साल में 0.6 फीसदी गिरावट) रहने का अनुमान है. व्यापार, होटल, परिवहन और संचार जैसे सेवा क्षेत्र में विकास दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसमें पिछले कारोबारी साल में 7.00 फीसदी विकास दर रही थी.

वित्त, बीमा, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विकास दर 8.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसमें पिछले कारोबारी साल में विकास दर 11.7 फीसदी रही थी.

उल्लेखनीय है कि मौजूदा कारोबारी साल की पहली छमाही में विकास दर 5.4 फीसदी रही है. वैश्विक अर्थव्यवस्था और घरेलू स्तर पर नीतिगत अवरोध के कारण हालांकि हाल की तिमाही में विकास दर घटी है.

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