ग्लोबल मार्केट में कच्चा तेल 6 प्रतिशत लुढ़ककर 35 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है. इसके साथ ही इसका भाव ने 11 साल के निचले स्तर पर आ गया है. ब्रेंट क्रूड का वायदा 1.9 प्रतिशत यानि 67 सेंट फिसलकर साल 2004 के बाद के निचले स्तर 35.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. वहीं, अमेरिकी क्रूड वायदा भी 46 सेंट गिरकर 35.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ पहुंचा.
70 प्रतिशत तक गिर चुके दाम
गौरतलब है कि पश्चिम एशिया में दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब और ईरान के बीच जारी तनाव की स्थिति है. इसके चलते दोनों देशों के बीच तेल का उत्पादन घटाने पर सहमति बनने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. आपको बता दें कि जून 2014 में ब्रेंट क्रूड 115 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच चुका था जो अब 70 प्रतिशत तक गिर चुका है.
30 डॉलर तक आने की उम्मीद
एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक कच्चे तेल में गिरावट बरकरार रहेगी. सऊदी अरब और ईरान का तनाव जारी रहने पर क्रूड की कीमत अभी और गिरकर 30 डॉलर तक आने की उम्मीद है. एक तरफ जहां क्रूड में गिरावट आई है, तो वहीं दूसरी तरफ सोने की चमक बढ़ने इसका भाव 25,500 रुपये के पार चला गया हैं.
घाटा कम करने के लिए उठाया कदम
आपको बता दें कि अभी हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब का राजस्व घाटा करीब 66 बिलियन यूरो पहुंच गया था. इसके चलते लगातार बढ़ रहे घाटे से निपटने के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी इजाफा करने का फैसला लिया.
फिर घट सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में गिरावट के चलते आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती किए जाने की संभावना बढ़ गई है. तेल विपणन कंपनियां हर 15 दिन में कीमतों की समीक्षा करती हैं. 31 दिसंबर को समीक्षा की गई थी जिसमें पेट्रोल की कीमतों में 63 पैसे और डीजल में 1.06 रुपये की कटौती की गई थी. अगली बैठक 15 जनवरी को होनी है.