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फिर आएगी ग्लोबल मंदी! अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से लगेगा 585 अरब डॉलर का चूना

जानकारों का मानना है कि यदि ट्रेड वॉर का समाधान नहीं निकाला गया तो इससे साल 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से मंदी के दायरे में चली जाएगी. इससे पूरे दुनिया की इकोनॉमी को करीब 585 अरब डॉलर का चूना लग सकता है.

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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से बढ़ रही मुश्किलें
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से बढ़ रही मुश्किलें

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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं. जानकारों का अनुमान है कि यदि इसका समाधान नहीं निकाला गया और ट्रेड वॉर जारी रहा तो इससे साल 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से मंदी के दायरे में चली जाएगी. यही नहीं, इससे पूरे दुनिया की इकोनॉमी को करीब 585 अरब डॉलर का चूना लग सकता है.

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले हफ्ते चीन के साथ ट्रेड वॉर खत्म करने की पहल कर चुके हैं और दोनों देश इस महीने के अंत तक फिर से वार्ता शुरू करने जा रहे हैं. लेकिन इस बारे में चर्चा होने लगी है कि वैश्विक मंदी अब करीब आ रही है. दुनिया के नौ प्रमुख देश-ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, सिंगापुर और ब्राजील मंदी के कगार पर हैं या मंदी की चपेट में आ चुके हैं.

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नेशनल एसोसिएशन फॉर बिजनेस इकोनॉमिक्स द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार 34 फीसदी इकोनॉमिस्ट यह मानते हैं कि अगला नंबर अमेरिका का ही है. उनका कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था जिस तरह से सुस्त पड़ रही है, उसकी वजह से यह 2021 में मंदी की चपेट में आ सकता है.

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर जारी रहने का असर बहुत ज्यादा हो सकता है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार में जारी अनिश्चितता साल 2021 तक दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में 0.6 फीसदी की कमी ला सकता है. इस प्रकार यह टैरिफ बढ़ाने के सीधे असर को दोगुना कर देगा और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमान के अनुसार इससे 2021 तक दुनिया के जीडीपी में 585 अरब डॉलर की गिरावट आ सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार मौद्रिक नीति से इस झटके के असर को कम तो कर सकती है, लेकिन इससे पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक यदि कमजोर मांग को दूर करने के लिए मिलकर कदम उठाएं तो भी 2021 तक दुनिया की जीडीपी में 0.3 फीसदी की गिरावट आ जाएगी.

हाल के दिनों में यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के भारत सहित कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है ताकि ट्रेड वॉर के असर को कम किया जा सके. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने लैपटॉप, सेल फोन जैसे चीन के उत्पादों पर 10 फीसदी का अतिरिक्त आयात कर लगाने का निर्णय टाल दिया है.

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चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार पिछले साल मार्च से चल रहा है, जब ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया था.

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