अगर आप सोना खरीदने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं, तो समझिए वह समय अब आने को ही है. सरकार सोना पर आयात ड्यूटी घटाने की तैयारी कर रही है, जिसका सीधा असर यह होगा कि इसका भाव नीचे आ जाएगा. सोने के दाम में इसी महीने कमी हो सकती है.
दरअसल, चालू बजट घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए थे, जिनमें एक था सोने के आयात पर ड्यूटी बढ़ाना. वित्त मंत्री पी चिदंबरम का मानना था कि सोने के अंधाधुंध इम्पोर्ट से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है और इस पर रोक लगाने की जरूरत है. उन्होंने सोने के इम्पोर्ट पर ड्यूटी और बढ़ा दी. इसका नतीजा यह हुआ कि सोने पर कुल 10 प्रतिशत की आयात ड्यूटी लग गई. दो साल पहले इस पर सिर्फ 2 प्रतिशत ड्यूटी थी. नतीजतन भारत में सोना बेहद महंगा हो गया और इसकी स्मगलिंग शुरू हो गई.
भारत सोने का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार देश है, लेकिन यहां सोने का उत्पादन नहीं के बराबर होता है, इसलिए यहां सोने का सबसे ज्यादा इम्पोर्ट होता है. पिछले साल भारत ने लगभग 700 टन सोने का इम्पोर्ट किया था. इस पर देश को 88 अरब डॉलर खर्च करने पड़े थे. इस साल अकेले मई महीने में उसने 182 टन सोने का रिकॉर्ड इम्पोर्ट किया था. इससे डॉलर पर बहुत जो़र पड़ा. वह और ऊपर चढ़ गया. इम्पोर्ट बढ़ने से और एक्सपोर्ट जहां के तहां रहने से चालू बजट घाटा (सीएडी) बढ़ गया. सरकार ने इसे रोकने के लिए ही कड़े कदम उठाए जिसमें ड्यूटी में बढ़ोतरी और उसकी सप्लाई पर अंकुश लगाए गए. लेकिन इसका बुरा असर हुआ और न केवल सोने की स्मगलिंग शुरू हो गई, बल्कि आभूषणों के निर्यात को भी धक्का लगा. भारत आभूषणों का बहुत बड़ा निर्यातक देश है.
इसका सोने के कारोबार में लगी कंपनियों पर बड़ा बुरा असर पड़ा है और वे इस समय सरकार से बेहद नाराज हैं. उसकी लॉबी इस समय सक्रिय है. बड़े ज्वेलर अरबों डॉलर के सोने के आभूषण निर्यात करते हैं. उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है.
अब चालू बजट घाटा भी कम हो गया है. अब यह संतोषजनक स्तर पर आ गया है. दूसरी ओर डॉलर भी रुपए के मुकाबले 10 प्रतिशत सस्ता हो गया है. सोने का इम्पोर्ट भी काफी घट गया है. जुलाई में तो मात्र 47.5 टन सोने का इम्पोर्ट हुआ, जबकि अगस्त में तो लगभग 10 टन से ज्यादा सोने का इम्पोर्ट नहीं हुआ. सबसे बड़ी बात है कि बाज़ार में सोने का स्टॉक भी नहीं है. ऐसी स्थिति में सरकार सोने पर लगे नियंत्रण को कम करना चाहती है, हालांकि कुछ हल्कों में अभी सख्ती जारी रखने की भी बात की जा रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार 2 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर सकती है और इसका फैसला लोक सभा सत्र खत्म होने के बाद हो सकता है.