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गोल्‍ड लोन लेना अब नहीं होगा आसान लेकिन ग्राहकों का फायदा

अगर आप सोने के बदले कर्ज लेने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना को फलिभूत करने के लिए आपको कुछ ज्‍यादा ही मशक्‍कत करनी पड़ सकती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इससे जुड़े नियमों को कठिन बना दिया है.

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रिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन लेना बनाया कठिन
रिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन लेना बनाया कठिन

अगर आप सोने के बदले कर्ज लेने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना को फलिभूत करने के लिए आपको अब कुछ ज्‍यादा ही मशक्‍कत करनी पड़ सकती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इससे जुड़े नियमों को कठिन बना दिया है.

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अगर आप 5 लाख रुपये से ज्‍यादा का लोन लेना चाहते हैं और इसमें कर्ज की आधी रकम सोने के एवज में लिया जा रहा है तो आपको अपना पैन कार्ड उपलब्‍ध कराना होगा. वहीं एक लाख रुपये से ज्‍यादा का कोई भी कर्ज केवल चेक के मार्फत लिया जा सकता है.

आरबीआई ने सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनियों को ऐसे भ्रामक विज्ञापन बंद करने के लिए कहा है जिनमें  दो से तीन मिनट में कर्ज उपलब्‍ध करा देने की बात कही जाती है.

आरबीआई ने अब सोने के मूल्‍यांकन निमयों में भी बदलाव कर दिया है. नए नियम के अनुसार अब सोने का मूल्‍यांकन 22 कैरेट सोने का पिछले तीस दिनों के दौरान बांबे बुलियन एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए एवरेज क्‍लोसिंग प्राइस के आधार होगा. अभी गोल्‍ड के मूल्‍यांकन को लेकर कोई नियम नहीं है. कर्ज देने वाली कंपनियां अभी इसका मूल्‍यांकन अपने हिसाब से करती हैं.

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हालंकि अभी भी ज्‍वैलरी की कुल मूल्‍य के 60 फीसदी के बराबर ही कर्ज लिया जा सकेगा.

आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर 20 ग्राम से ज्‍यादा गोल्‍ड के एवज में कर्ज दिया जा रहा है तो कंपनियों को उस गोल्‍ड के ऑनरशिप की जांच करनी होगी. अभी तक ग्राहकों द्वारा खुद के द्वारा पेश किए गए सत्‍यापन पत्र के आधार पर कंपनियां ग्राहकों को गोल्‍ड का ऑनर मान लेती थीं.

जानकारों का कहना है कि आरबीआई अगर नियमों को और सख्‍त बनाता है तो गोल्‍ड लोन के ग्राहक गैरसंगठित बाजार का रुख कर सकते हैं.

 

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