नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने बाद से सोने के दाम गिरने शुरू हुए हैं और अब यह सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को कई ट्रेडिंग हाउसेज को सोना आयात करने की अनुमति दे दी, ताकि वे उसे घरेलू बाजार में बेच सकें. रिजर्व बैंक ने जुलाई में सोने के आयात पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे, ताकि बजट के चालू घाटे को कम रखा जा सके. एक अंग्रेजी अखबार ने यह जानकारी दी है.
सर्राफा बाजार में इस समय सोने की बहुत कमी है, जबकि मांग बहुत ज्यादा. इससे उसके दाम भी बढ़े हैं. अब इस निर्णय का असर दिखाई देने लगा है. बुधवार की शाम को ही सोने के दाम मुंबई में 500 रुपये प्रति दस ग्राम गिर गए. सोना 28,800 रुपये प्रति दस ग्राम से गिरकर 28,300 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया.
सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि इस कीमती धातु के कारोबार पर यह मोदी सरकार का पहला असर है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट मोहित कंबोज ने कहा कि शपथ लेने के पहले ही एनडीए ने देशभर के ज्वेलरों को उपहार दे दिया है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री मनोनीत नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया.
डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत होने से भी सोना सस्ता हो गया है और इसके अलावा हमारा विदेशी मुद्रा कोष भी काफी बढ़ गया है. यह अब 313 अरब डॉलर हो गया है.
नई व्यवस्था के तहत कोई भी मनोनीत बैंक या एजेंसी अब अगर 100 किलो सोना आयात करती है तो 20 किलो सोना निर्यातकों को रिलीज किया जा सकेगा. शेष 80 किलो ज्वेलरों, डीलरों वगैरह को बेचा या उधार दिया जा सकता है.