सोना खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए एक बड़ी खबर है. अगले साल भी सोने की कीमतें गिरती रहेंगी. इसकी वजह यह है कि अमेरिका की मौद्रिक नीति अब सामान्य हो रही है. इसके सामान्य होने से निवेशक ज्यादा रिटर्न देने वाले दूसरे विकल्पों की ओर ध्यान दे रहे हैं.
अंग्रेजी न्यूज एजेंसी टॉमसन रॉयटर्स ने इस बारे में एक रिपोर्ट दी है. उसके मुताबिक सोने के दाम गिरने के बाद उसकी मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. फिलहाल तो सोने के दाम ऊंचे स्तर पर रहेंगे, लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहेगी.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें इस साल 1,125 डॉलर प्रति औंस रहने की उम्मीद है. 2013 में इसकी कीमतें 1,410 डॉलर थीं. दस सालों में यह पहला मौका था जब सोने के दाम गिरे थे. अंदाजा है कि 2015 में सोने के दाम गिरकर 1,100 डॉलर प्रति औंस हो जाएंगे.
सोने के दामों का रिसर्च करने वालों का कहना है कि 2009 से 2012 तक वित्तीय अनिश्चितता के कारण सोने के बाज़ार में भारी निवेश हुआ था. लोगों ने सोने को निवेश का सबसे सुरक्षित साधन माना था. लेकिन अब हालात बदल गए हैं और अब प्रोफेशनल निवेशकों के पास पैसे लगाने के लिए बेहतर जगहें उपलब्ध हैं, जहां रिटर्न ज्यादा मिलेगा. अब वे निवेशक जोखिम के बारे में नहीं सोच रहे हैं.
रिसर्च में कहा गया है कि अगले दो से तीन वर्षों तक लोगों की सोच अलग तरह की होगी. वे सोने को महज एक कमोडिटी समझेंगे. पिछले साल सोने की कीमतें 28 प्रतिशत तक गिर गई थीं क्योंकि निवेशकों ने अपने निवेश से पीछा छुड़ा लिया था.