वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन साक्स ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान पहले के 6 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया और अगले छह महीने के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये के 72 तक गिरने की बात कही है.
गोल्डमैन साक्स के अनुसार, भारत सहित ज्यादातर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को आने वाले दिनों में ‘बाहरी मोर्चे पर मुश्किल हालातों’ का सामना करना पड़ेगा. बाजार यह मानकर चल रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को धीमा करेगा और गैर-परंपरागत मौद्रिक नीति के रास्ते से बाहर निकलेगा.
गोल्डमैन साक्स ने एक शोधपत्र में कहा है, ‘भारत के मामले में वित्त वर्ष 2014 के लिये हमने जीडीपी वृद्धि दर को 6 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया, वित्त वर्ष 2015 के लिये इसे 6.8 से घटाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है.’
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में निकट भविष्य में जोखिम बढ़ सकता है. इसमें चालू खाते और राजकोषीय घाटे में समन्वय बिठाने की आवश्यकता होगी. ‘अर्थव्यवस्था में सुधार आने से पहले, मुद्रास्फीति कम करने के लिये आने वाली कई तिमाहियों में उम्मीद से कम वृद्धि रह सकती है.’
वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही है. पिछले कई सालों में यह सबसे कम रही है. विनिर्माण और खनन क्षेत्र का उत्पादन घटने से यह गिरावट आई है. हालांकि, एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.4 प्रतिशत रही थी.