आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड तो रखते ही होंगे. अब आपके काम की एक खबर आ गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों पर यह जिम्मेदारी डाल दी है कि कार्ड के जरिये धोखाधड़ी के मामलों में अब ग्राहकों को नहीं उन्हें ही यह साबित करना पड़ेगा कि कार्डधारक ने क्या गड़बड़ की है. यह खबर एक आर्थिक समाचार पत्र ने दी है.
रिजर्व बैंक के एक निर्देश के मुताबिक अब बैंकों पर ही जिम्मेदारी रहेगी और ग्राहक को यह साबित करने की जरूरत नहीं होगी कि उसके कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है. ऐसे मामलों पर अभी काफी तकरार होती है और ग्राहकों को काफी धक्के खाने पड़ते हैं. कई बार ग्राहक ज्यादा बिल आने पर भुगतान से इनकार कर देते हैं. इसके बाद बैंक उन पर लेट फी लगा देते हैं. यह नया निर्देश ग्राहकों के हितों की रक्षा करने वाले बोर्ज ने दिया है.
अब बैंकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे इस बात का प्रमाण जुटाएं कि उस विवादास्पद ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहक ने ही इजाजत दी थी. पहले ग्राहक सबूत लेकर आता था कि उसमें उसका कोई कसूर नहीं है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार बैंक ऑम्बुड्ज्मैन के पास जितनी शिकायतें आती हैं उनमें एक चौथाई डेबिट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी होती हैं. बैंकों ने इनकी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं जैसे कि पिन और ट्रांजेक्शन होते ही एसएमएस की व्यवस्था.