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स्पाइस जेट को संकट से उबारने के लिए सरकार ने बढ़ाया हाथ

संकट में फंसी निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट को राहत देने के लिये नागर विमानन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह इसके परिचालन को बनाये रखने के उपायों के तहत भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 600 करोड़ रुपये तक का कर्ज देने का अनुरोध कर सकता है.

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संकट में फंसी निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट को राहत देने के लिये नागर विमानन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह इसके परिचालन को बनाये रखने के उपायों के तहत भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 600 करोड़ रुपये तक का कर्ज देने का अनुरोध कर सकता है.

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मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्रालय से विशेष व्यवस्था के तहत कार्यशील पूंजी के लिये कंपनी को बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति देने का अनुरोध करेगा.

मंत्रालय का मानना है कि कंपनी के बंद होने से विमानन क्षेत्र को गहरा झटका लगेगा. इसको देखते हुए नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कई सुझावों को मंजूरी दी. हालांकि कंपनी को यह राहत इस शर्त पर मिलेगी वह यथाशीघ्र इसमें पूंजी लगाएगी. एक दिन पहले स्पाइसजेट के मुख्य परिचालन अधिकारी संजीव कपूर ने सन समूह के मुख्य वित्त अधिकारी एस एल नारायणन के साथ राजू और डीजीसीए प्रमुख प्रभात कुमार से मुलाकात की और संकट से पार पाने के लिये सरकार से मदद का अनुरोध किया.

मंत्रालय के अनुसार, ‘भारतीय बैंकों से प्रवर्तकों के आश्वासन पर ऋण आधारित कार्यशील पूंजी दिये जाने का अनुरोध किया जा सकता है. बैंक और वित्तीय संस्थान स्पाइसजेट के चेयरमैन की निजी गारंटी पर 600 करोड़ रुपये तक का कर्ज देंगे.’ दीर्घकालीन निवेश प्राप्त करने के बाद इसका तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए. निवेश हासिल करने में आठ सप्ताह का समय लगेगा.

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इसके अलावा वित्त मंत्रालय से विशेष व्यवस्था के तहत कार्यशील पूंजी के लिये ईसीबी की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा. सरकार ने कहा कि साथ ही कंपनी को 15 दिन तक के लिये तेल कंपनियों और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) से ऋण सुविधा मिल सकती है. कंपनी पर कुल 2,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों और एएआई का बकाया शामिल है.

इससे पहले, दिन में नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने किसी निजी एयरलाइन को प्रोत्साहन पैकेज देने से इनकार करते हुए कहा था, ‘विमानन उद्योग और यात्रियों के व्यापक हितों को देखते हुए कुछ किया जा रहा है.’

सरकारी सूत्रों का कहना है कि कंपनी को परिचालन के लिये तत्काल 1,400 करोड़ रपये की जरूरत है. इससे पहले, स्पाइसजेट को कुछ राहत देते हुए विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइन की 30 दिन से आगे की बुकिंग पर लगी रोक मंगलवार को अस्थायी रूप से हटा दी.

सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘स्पाइसजेट पर एक महीने से आगे की बुकिंग पर लगी रोक हटा ली गई है और विमानन कंपनी को 30 दिन से परे अगले साल मार्च तक के लिए टिकटें बुक करने की अनुमति दे दी गई है.’

स्पाइसजेट को सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से भी फौरी तौर पर राहत मिली और कंपनी के प्रवर्तक कलानिधि मारन द्वारा एक व्यक्तिगत गारंटी दिए जाने के बाद एएआई ने कंपनी को 200 करोड़ रुपये बकाए का भुगतान करने के लिए कुछ और मोहलत दी.

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- इनपुट भाषा से

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