सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की भेल व गेल को महारत्न का दर्जा दे दिया है. इससे इन कंपनियों को और अधिक वित्तीय व परिचालन स्वायत्तता मिलेगी तथा इनके शेयरों का बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा. सार्वजनिक उद्यम विभाग में सचिव ओपी रावत ने इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा, सक्षम प्राधिकार ने भेल तथा गेल को महारत्न के दर्जे को मंजूरी दे दी है. इससे सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों को अधिक वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी.
महारत्न कंपनी 5 हजार करोड़ रुपए तक के निवेश के फैसले अपने स्तर पर कर सकती है. नवरत्न फर्म के लिए यह सीमा 1 हजार करोड़ रुपए है; हालांकि इन कंपनियों को महारत्न कंपनी के अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि इसके लिए जरूरी है कि इनके बोर्ड में वांछित परिवर्तन हो.
अधिकारी का कहना है कि इन कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की पर्याप्त संख्या अभी नहीं है. सूत्रों के अनुसार भेल में छह तथा गेल में चार स्वतंत्र निदेशकों की कमी है. विभाग ने पेट्रोलियम मंत्रालय तथा भारी उद्योग विभाग से इस बारे में कदम उठाने को कहा है.