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बजट से पहले पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और बढ़ा सकती है सरकार

बजट से पहले सरकार का इरादा पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का है. इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि सरकार राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को कायम रखना चाहती है.

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कच्चे तेल की गिरती कीमतों की वजह से फिर बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी
कच्चे तेल की गिरती कीमतों की वजह से फिर बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी

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सरकार अगले महीने पेश होने वाले बजट से पहले पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और बढ़ाने तैयारी कर रही है ताकि राजस्व बढ़ाया जा सके और 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहा जा सके.

कच्चे तेल की घटती कीमतों ने बढ़ाई गुंजाइश
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, कच्चे तेल की घटती कीमतों से पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की गुंजाइश बनी है. इससे चालू वित्त वर्ष के लिए 3.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से 14,000 करोड़ जुटे
सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर चार बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त 14,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली है. पिछले सप्ताह सरकार ने पेट्रोल पर 75 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया जिससे उसे 3,700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति में मदद मिलेगी.

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दो हफ्ते में दो बार बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
दो सप्ताह से भी कम समय में एक्साइज ड्यूटी में यह दूसरी बार बढ़ोतरी की गई थी. कच्चे तेल की कीमतें पहले ही 12 साल के निचले स्तर 29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुकीं हैं. इसके अलावा, ईरान पर प्रतिबंध हटाए जाने से कच्चे तेल की गिरती कीमतों पर और दबाव बना है.

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