सरकार इस माह के दूसरे पखवाड़े में तेल वितरण कंपनी ऑयल इंडिया में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी, जबकि फरवरी में राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) में भी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच देगी.
विनिवेश सचिव डी.के. मित्तल ने कहा, 'हम जनवरी के दूसरे पखवाड़े में ऑयल इंडिया का निर्गम लाएंगे, जबकि फरवरी के पहले पखवाड़े में एनटीपीसी की हिस्सेदारी बेचेंगे.'
ऑयल इंडिया में मौजूदा बाजार भाव पर 10 फीसदी बेचकर सरकार 2,700 करोड़ रुपये जुटा सकती है.
एनटीपीसी में 9.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर सरकार 12 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है. सरकार ऑफर फॉर सेल (नीलामी) के जरिए एनटीपीसी में विनिवेश करना चाहती है. एनटीपीसी का 2004 में प्रथम सार्वजनिक निर्गम आया था. आगामी हिस्सेदारी बिक्री के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 75 फीसदी रह जाएगी.
मौजूदा कारोबारी साल में सरकार ने विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. अब तक सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री से सरकार ने सिर्फ 6,900 करोड़ रुपये ही जुटाए हैं.
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) में हिस्सेदारी बिक्री से 6,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि हिंदुस्तान कॉपर में हिस्सेदारी बिक्री से 808 करोड़ रुपये मिले थे.
सरकार ने विनिवेश के लिए 10 कंपनियों की पहचान की है, जिनमें ऑयल इंडिया, सेल और हिंदुस्तान एरॉनॉटिक्स जैसी कंपनियां शामिल हैं. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में 10-10 फीसदी विनिवेश की योजना है.
सरकार नाल्को में भी 12.15 फीसदी, और खनिज और धातु व्यापार निगम (एमएमटीसी) में 9.33 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है.