महंगाई से निपटने के लिए खुदरा बाजार में दाल, दूध, चीनी, खाद्य तेल और दूसरी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को लेकर सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. खुले और पैक्ड आइटम्स की कीमत में भारी अंतर को देखते हुए यह निर्णय किया गया है कि जरूरी वस्तुओं की कीमतें सरकार की ओर से तय कर दी जाएं. यदि ऐसा होता है तो कोई भी दुकानदार तय की गई कीमत से अधिक में सामान नहीं बेच पाएगा.
पिछले दिनों दाल की कीमतों में भारी उछाल से सीख लेते हुए और खुले और पैक्ड दाल की कीमत में अंतर को देखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पैक्ड सामान को लेकर नियमों में संशोधन किया है, ताकि सरकार खुदरा मूल्य तय कर सके.
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों में संशोधन कहता है, 'यदि किसी भी आवश्यक वस्तु की खुदरा बिक्री कीमत तय की गई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिसूचित किया गया है, तो इसे लागू करना अनिवार्य है.'
7 सितंबर को जारी हुई अधिसूचना
बताया जाता है कि इस ओर 7 सितंबर को अधिसूचना जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि अगर सरकार कीमत तय करती है और मानक मात्रा 500 ग्राम, एक किलोग्राम या दो किलोग्राम तय करती है, तो खुदरा विक्रेता को इन नियमों का पालन करना होगा.
जुर्माना और सामान जब्त करने का कानून
अधिकारी बताते हैं कि नियमों और अधिसूचना की अनदेखी करने पर खुदरा विक्रेता पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही उसके जमा माल को भी जब्त किया जा सकता है. इन नए नियमों के लागू होने से आवश्यक वस्तुओं के मामले में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की अवधारणा खत्म हो जाएगी.
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दाल की कीमतों में अबूझ उछाल और खुले और पैक्ड सामान की कीमत में भारी अंतर को देखते हुए सरकार ऐसे कदम उठाने पर मजबूर हुई है.