मोदी सरकार शेल कंपनियों पर लगातार शिकंजा कस रही है. अब सरकार ने कहा है कि वह शेल कंपनियों से संबंध रखने वाले 4.5 लाख डायरेक्टर्स को अयोग्य करार दे सकती है. केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने कहा है कि कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई जारी रहेगी.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि वैध कंपनियों को इस प्रक्रिया से कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जो कंपनियां नियमों के विरुद्ध काम कर रही हैं,उनकी वजह से ही अन्य कंपनियों को परेशानी पेश आ रही है.चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि सभी अयोग्य करार दिए गए डायरेक्टर्स की प्रोफाइल की जांच की जाएगी. केंद्र सरकार इससे पहले सितंबर महीने में 2.17 लाख से भी ज्यादा कंपनियों के नाम रिकॉर्ड से हटा चुकी है. यह वे कंपनियां थीं, जो पिछले काफी समय से कारोबार नहीं कर रही थीं. इनमें से कई जरूरी फाइलिंग भी नहीं करती थीं. इन फर्म्स के खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है.
चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 22 सितंबर तक 3,19,637 डायरेक्टर्स की पहचान की है, जिन्हें अयोग्य करार दिए जाने के योग्य माना गया है. उन्होंने बताया कि यह संख्या आने वाले दिनो में 4.5 लाख डायरेक्टर्स तक पहुंच सकती है. शेल कंपनियां वह कंपनियां होती हैं, जो लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही हैं. आरोप है कि ये कंपनियां अवैध तरीके से धन का लेनदेन करने के लिए बनाई जाती हैं.