वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) बिल में बदलावों को लेकर कांग्रेस के साथ बातचीत की पेशकश की है. हालांकि उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी को यह सलाह भी दी कि वह अपने सुझावों पर फिर से गौर करें क्योंकि इनमें कुछ से प्रणाली को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा.
1 अप्रैल से अमल में लाने का है लक्ष्य
जेटली को अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रस्तावित इस नई प्रणाली को निर्धारित समय एक अप्रैल से अमल में लाने के लिये आगामी सत्र में जीएसटी बिल पर संसद की मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि कि वह कांग्रेस के साथ विचार विमर्श के लिये तैयार हैं, क्योंकि उनके कुछ सुझाव जीएसटी ढांचे के व्यापक हित में नहीं हैं.
जीसएटी का विरोध करने वालों पर निशाना
वित्त मंत्री ने आज यहां उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुये कहा, ‘हम उनसे मिलेंगे. हम उनसे विचार विमर्श करना चाहते हैं क्योंकि उनके कुछ सुझाव जीएसटी ढांचे के व्यापक हित में नहीं हो सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि जो लोग सुधारों को रोकना चाहते हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि पुरानी सोच का दायरा अब सिकुड़ रहा है. ऐसे में सुधारों में रुकावट पैदा करने वालों के मुकाबले इनका समर्थन करने वालों का दायरा काफी बड़ा है.