सरकार पीपीएफ और डाकघर जमा पर ब्याज दर कम कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दरों के अनुरूप लाया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लघु बचत योजना पर ब्याज दर नीचे आ सकती है.
सरकार लघु बचत दरों की करेगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय की समीक्षा में ब्याज दर में कटौती की मात्रा और समय के बारे में निर्णय किया जाएगा.
इससे पहले, दिन में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, ‘ दरों का लाभ आगे पहुंचाए जाने के मामले में यह फैसला किया गया है कि सरकार लघु बचत दरों की भी समीक्षा करेगी.’
बैंक भी करते रहें हैं मांग
रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती के बाद उन्होंने कहा, ‘ लघु बचत योजनाओं की समीक्षा की जाएगी, लेकिन ऐसा करते हुए छोटी बचत करने वालों के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा.’
बैंक सरकार की लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें कम किए जाने की मांग करते रहे हैं. इन योजनाओं में ऊंची दर के चलते बैंकों की सावधि जमायें प्रतिस्पर्धी नहीं रह पा रही हैं.
लघु बचत जमाओं पर 8.7 से 9.3 प्रतिशत के बीच बेहतर ब्याज दर के मद्देनजर बैंक, आरबीआई की नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने से कतराते रहे हैं क्योंकि वे अपनी जमाओं पर ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी और आकषर्क रखना चाहते हैं.
रिजर्व बैंक ने की 0.50 प्रतिशत की कटौती
उल्लेखनीय है कि अत्यधिक सरल नकदी स्थितियों के बावजूद बैंकों की आधार दरें केवल करीब 0.30 प्रतिशत ही नीचे आ पाई हैं. वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक जनवरी-जून की अवधि में नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है. अब उसने 0.50 प्रतिशत की कटौती कर दी है.
लघु बचत योजनाओं में डाक घर मासिक आय योजना, लोक भविष्य निधि, डाक घर सावधि जमा, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाक घर बचत खाता और सुकन्या समृद्धि खाता शामिल है.
इनपुट- भाषा