पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की मांग पर काबू पाने के लिए अनेक विकल्पों पर विचार कर रही है जिनमें रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी शामिल है. सरकार ने तेल आयात बिल में कटौती के प्रयासों के तहत इस बारे में सोचना शुरू किया है. वहीं प्रमुख विपक्षी दल ने उनके इस प्रस्ताव की तीखी आलोचना की है.
मोइली ने बताया, 'अनेक विकल्प तथा सुझावों पर चर्चा चल रही है. रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी उनमें से एक हैं. लेकिन हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने फ्यूल की मांग में तीन प्रतिशत कमी करने के लिए 16 सितंबर से फ्यूल संरक्षण पहल शुरू करने की योजना बनाई है इससे अनुमानित 16,000 करोड़ रुपये या 2.5 अरब डॉलर के बराबर आयात खर्च में कमी हो सकती है.
सरकार चालू खाते के घाटे पर काबू पाने के लिए तेल सहित विभिन्न प्रकार के आयातों पर अंकुश लगाने के उपाय कर रही है. मोइली ने कहा, 'रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी एक सुझाव है जो हमारे पास आया. हमने इसे अभी स्वीकार नहीं किया. यह मेरा विचार नहीं है. हालांकि राजमार्गो पर यह लागू नहीं होगा। कई अन्य देशों में ऐसी व्यवस्था पहले से है.'
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, पेट्रोल पंप क्या है? सरकार तो देश को ही बंद कर देगी. जिसको तेल भरवाना है क्या वह दिन में नहीं भरवा लेगा. मोइली का यह कदम आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि अगर मनमोहन सिंह सरकार को आर्थिक संकट से निपटने के उपाय नहीं सूझ रहे हैं तो वह बीजेपी से परामर्श कर सकती है.
इस बीच पेट्रोलियम सचिव विवेक राय ने भी कहा कि मंत्रालय के समक्ष शहरों में पेट्रोल पंप रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक बंद रखने की कोई योजना नहीं है.
उल्लेखनीय है कि भारत ने 2012-13 में 144.293 अरब डॉलर का तेल आयात किया था. मोइली ने तेल आयात बिल में 20 अरब डॉलर तक की कमी करने के बारे में एक विस्तृत नोट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भेजा है पर इसमें पेट्रोल पंपों को रात में बंद रखने का उल्लेख नहीं है. नोट में पेट्रोलियम आयात कम करने के लिए संरक्षण अभियान का ब्यौरा दिया गया है.