वित्त मंत्री पी चिदंबरम, केंद्र में सत्तारूढ संयुक्त प्रगतिशली गठबंधन (संप्रग) से समर्थन वापस लेने के द्रविण मुनेत्र कषगम (डीएमके) के निर्णय के बाद आर्थिक सुधार को लेकर कहा कि सरकार आर्थिक सुधारों के प्रयास को जारी रखेगी.
चिदंबरम ने ताजा राजनैतिक उथल-पुथल से विचलित हुए बगैर बुधवार को कहा कि आर्थिक सुधारों को आगे बढाने के सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं आएगी. चिदंबरम ने यह भी वह विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए तैयार करने के उद्येश्य से उनके साथ तय कार्यक्रम के अनुसार बैठकें करते रहेंगे. उन्होंने कहा 'मैं नहीं मानता कि कल के मुकाबले हम आज कमजोर हुए हैं. हां, यह सही है कि एक सहयोगी दल ने समर्थन वापस लिया है. सरकार के पास बहुमत है और सरकार अपना कर्तव्य निभाती रहेगी.' उन्होंने सम्मेलन में कहा कि 'सरकार अधिशासी कार्य करती रहेगी और संसद में विधेयकों को पारित करने का प्रयास जारी रखेगी.'
मंत्री ने कहा कि वह निवेशकों से मुलाकात करेंगे और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए राजी करेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को 2013-14 में घटाकर 4.8 फीसद करने को प्रतिबद्ध है. चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.2 फीसद के बराबर रहने का अनुमान है. चिदंबरम अगले कुछ हफ्तों में जापान, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा और अमेरिका के प्रमुख वित्तीय केंद्रों की यात्रा कर निवेशकों के साथ बैठकें करने वाले हैं.
उन्होंने कहा 'हम सरकार में हैं. यह हमारा कर्तव्य है कि समुद्र में हल्के तूफान में भी जहाज को निकाल कर अगे बढाएं. हालात पर हमारी मजबूत पकड़ है. हमें विधेयकों को पारित करने का प्रयास करते रहेंगे.' चिदंबरम ने कहा कि मंत्रिमंडल ने खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी दे दी है और मंत्रियों के अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह ने बुधवार को सेल के विनिवेश को मंजूरी दे दी.
उन्होंने कहा 'खाद्य सुरक्षा विधेयक संसद में पेश किया जाएगा और मुझे पूरा भरोसा है कि विधेयक को पारित करने के लिए संसद में पर्याप्त समर्थन होगा.' सरकार चालू बजट सत्र में बीमा, पेंशन और कापरेरेट कानून जैसे क्षेत्रों में प्रमुख आर्थिक सुधार विधेयकों को ले कर आगे बढना चाहती है. बीमा और पेंशन विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद करने और खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनता को बहुत सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराने का प्रावधान है. सरकार के एजेंडा में अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार विधेयकों में वायदा कारोबार (नियमन) संशोधन विधेयक और कंपनी विधेयक शामिल है जिस पर राज्य सभा की मुहर लगनी बाकी है.
सरकार ने बजट सत्र के लिए 39 विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए तथा 20 को पेश करने की सूची बनायी है. अप्रत्यक्ष करों की नयी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कर प्रणाली लागू करने के लिए प्रस्तावित 115वें संविधान संशोधन विधेयक को इस सत्र में पेश का फिलहाल कार्यक्रम नहीं है.