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अब खादी ग्रामोद्योग के आउटलेट से खरीदें चना दाल

दालों की कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब खादी ग्रामोद्योग के आउटलेट पर चना दाल की बिक्री की जाएगी. अंतर-मंत्रालय समिति ने सब्सिडी वाली दालों के वितरण के लिए केवीआईसी यानी खादी ग्रामोउद्योग के बिक्री केंद्रों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है.

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खादी आउटलेट्स पर होगी दाल की बिक्री
खादी आउटलेट्स पर होगी दाल की बिक्री

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दालों की कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब खादी ग्रामोद्योग के आउटलेट पर चना दाल की बिक्री की जाएगी. अंतर-मंत्रालय समिति ने सब्सिडी वाली दालों के वितरण के लिए केवीआईसी यानी खादी ग्रामोउद्योग के बिक्री केंद्रों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है.

उपभोक्ता मामलों के विभाग की एक समिति की बैठक में दालों की कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा की गई. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कीमतें कम करने के लिए राज्य सरकारों को चना देने के अतिरिक्त नेशनल कॉमोडिटी एंड डिराइवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के माध्यम से बड़ी मात्रा में चना जारी करने का निर्णय लिया गया है.

बैठक में डाक नेटवर्क के अतिरिक्त दालों के वितरण के लिए खादी ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) के बिक्री केंद्रों के इस्तेमाल की संभावना तलाशने का सुझाव दिया गया. सब्सिडी प्राप्त दालें केंद्रीय भंडार, सफल तथा एनसीसीए के माध्यम से दिल्ली तथा एनसीआर क्षेत्र में पहले से ही वितरित की जा रही हैं. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस त्योहार के मौसम में लोगों को सही दामो में दालों की उपलब्धता करने के लिए डाक नेटवर्क के माध्यम से रियायती दालों को वितरित करने का फैसला पहले ही कर लिया है.

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दालों पर ये फैसला उपभोक्ता मामलों के अंतर मंत्रालयी समिति में लिया गया. इस समिति ने आवश्यक वस्तुओं मुख्यत: दालों की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की गयी और इस समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों में सरकारी आउटलेट के अभाव और उसकी कमी के चलते पूरे देश में फैले डाक नेटवर्क का उपयोग दाल वितरण के लिए किया जाना चाहिए.

हाल के सप्ताहों में दालों की कीमतों में भले ही कुछ गिरावट देखी गई है. पर त्योहारों के समय दाल की कीमत न बढे इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने डाक के जरिये दाल लोगों तक पहुँचाने के निर्णय लिया है. जबकि अन्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर रही हैं. समिति ने सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीफ दालों की खरीद के प्रबंधों की समीक्षा भी की. बैठक में बताया गया कि अब तक 500 खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं और जहां किसानों को चेक या बैंक हस्तांतरण प्रणाली के माध्यम से तुरंत भुगतान किया जा रहा है. सरकार ने चालू सत्र में 50,000 मीट्रिक टन खरीफ दालों की खरीद का लक्ष्य रखा है.

लंबे समय बाद थोक मंडी में दाल की आवक व बिक्री दोनों में तेज हो गई है. अचानक हुए इस परिवर्तन से अरहर, मूंग व उड़द दाल के भाव में जोरदार गिरावट आई है. दाल के दाम 20-25 रुपए की कमी आई है. एक सप्ताह पहले अरहर दाल 120 से 130 किलो बिकने वाली दाल अब 90 से 95 रुपए में मिल रही है. कुछ ऐसा ही असर मूंग, उड़द व मसूर दाल के भाव में आया है.

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बाजार में दाल के बढ़ते दामों ने घर का बजट बिगाड़ रखा था. अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवारों की रसोई से दाल की मात्रा में कटौती तक हो गई थी, लेकिन फिर से बाजार में दाल भाव ने यू-टर्न ले लिया. उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा इसकी आपूर्ति के लिए विदेशों से दाल आयात कर रही है. पर अब दाल और ज्यादा महंगी आम जनता जनता तक न पहुँचे इसके लिए सस्ती दाल डाक के जरिये लोगों तक भेजी जाएगी.

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