ग्रीस अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का डिफॉल्टर बनने वाला दुनिया का पहला विकसित देश बन गया है. वह तय समयसीमा के अंदर कर्जे का 1.5 बिलियन यूरो (1.7 अरब डॉलर ) IMF को लौटाने में नाकाम रहा.
IMF के फंड प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा, 'मैं इस बात की पुष्टि करता करता हूं कि IMF को डेडलाइन तक ग्रीस से पैसे वापस नहीं मिले .' उन्होंने कहा, 'हमने अपने एग्जीक्यूटिव बोर्ड को सूचना दे दी है कि ग्रीस पर बहुत बकाया हो गया है और उसे अब IMF से फंड तभी मिल सकता है, जब वह पिछले बकाए का भुगतान कर दे.'
इससे पहले ग्रीस ने साफ कह दिया था कि वह कर्ज का भुगतान नहीं कर पाएगा. ग्रीस का यूरोपीय संघ, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और आईएमएफ जैसे कर्जदाताओं से अंतरराष्ट्रीय बेलआउट प्रोग्राम की अवधि भी समाप्त हो चुकी है. इस बीच, यूरोपीय आयोग ने कहा है कि उसने संकट दूर करने के लिए प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस को अंतिम समय में एक सौदे की पेशकश की थी. ग्रीस संकट से यूरो क्षेत्र टूट सकता है और इस बात की भी आशंका है कि अन्य समस्याग्रस्त देशों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
IMF के कर्ज का भुगतान नहीं कर पाया 'अमीर' ग्रीस
कर्ज का भुगतान नहीं किए जाने से ग्रीस 2001 के बाद आईएमएफ के भुगतान में चूक करने वाला पहला देश हो गया है. 2001 में जिम्बाब्वे ने समय पर कर्ज नहीं चुकाया था. जीवनस्तर के लिहाज से चूक करने वाला यूनान सबसे अमीर देश होगा.