चीन के शेयर बाजारों में बुधवार सुबह आई भारी बिकवाली के चलते ट्रेडिंग रोक दी गई है. यह कदम दिन के कारोबार के दौरान शंघाई बाजार में 8 फीसदी से ज्यादा गिरावट आने के बाद उठाया गया. शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि यह गिरावट चीन के बाजारों पर ग्रीस संकट के चलते मंडराते खतरे के कारण देखने को मिली है.
शंघाई पर लिस्टेड कंपनियों में लगभग 43 फीसदी कंपनियों ने इस गिरावट को देखते हुए कारोबार रोक दिया. चीन के शेयर बाजार रेग्युलेटर सीएसआरसी (चाइना सिक्योरिटीज रेग्युलेटरी कमीशन) के मुताबिक बाजार में पैनिक सेंटीमेंट हावी है. इसके चलते बुधवार की गिरावट में चीन की जीडीपी के 50 फीसदी के बराबर का मार्केट कैप साफ हो गया है.
सेंसेक्स और निफ्टी पर कोहराम
ग्रीस संकट के असर से चीन के बाजारों में आई गिरावट के असर से भारतीय शेयर बाजारों में भी बुधवार के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 500 अंक और एनएसई इंडेक्स निफ्टी 160 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. निफ्टी 8352 के स्तर तक गिरकर निचे के रुझान पर है तो सेंसेक्स भी 27700 के स्तर के नीचे पहुंचकर लाल निशान पर बना है.
सोना-चांदी और क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट
चीन के बाजारों में गिरावट की सबसे बड़ी मार कमोडिटी बाजार पर देखने को मिली. ग्लोबल स्तर पर सोना-चांदी, क्रूड और बेस मेटल्स में भारी बिकवाली है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और सोने-चांदी, क्रूड का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है. नायमैक्स पर क्रूड का भाव 51 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. वहीं, सोना और चांदी चार महीने के निचले स्तर पर है कारोबार कर रहा है. वहीं निकेल और कॉपर की कीमतें 6 साल के निचले स्तर पर लुढ़ककर कारोबार कर रही हैं.
क्यों टूटा चीन का बाजार?
बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट कि चीन के बाजार में गिरावट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा और इसके परिणाम यूरोजोन से भी गंभीर हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी इक्विटी मार्केट में गिरावट, ग्रीस संकट के होने से डॉलर की सेहत में बेहतरी के डर से गोल्ड की कीमतों में गिरावट बढ़ने की आशंका है. इसके चलते चीन के शेयर मार्केट में जिन इनवेस्टर्स ने उधार के पैसों से बड़ा दांव लगाया था, वह तेजी के अपने सौदे काट रहे हैं.