वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए बनी एक सलाहकार समिति ने टैक्स प्रक्रियाओं के सरलीकरण और टैक्स के ऑटोमेटिक रिटर्न के मद्देनजर टैक्स प्रणाली में कई बदलाव करने का सुझाव दिया है.
समिति के सदस्य और खुदरा कारोबारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने यह जानकारी दी.
पिछले महीने सरकार ने छह सदस्यों वाली इस समिति का गठन किया था. खंडेलवाल ने कहा कि समिति ने जीएसटी के संबंध में 100 से अधिक सुझाव दिए हैं.
उन्होंने कहा कि ट्रैकस रिटर्न की प्रक्रिया स्वचालित होनी चाहिए. इसके अलावा रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया को सरल और व्यावहारिक बनाना चाहिए, ताकि रिटर्न को संशोधित किया जा सके. साथ ही नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी गठित करने का भी सुझाव दिया गया है.
समाचार एजेंसी भाषा ने खंडेलवाल के हवाले से बताया कि मंगलवार को समिति ने राजस्व सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इससे पहले नवंबर में जीएसटी परिषद ने चोकलेट से लेकर डिटर्जेंट तक आम इस्तेमाल वाली 177 वस्तुओं पर टैक्स दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया था.
परिषद ने 28 प्रतिशत के सर्वाधिक टैक्स दर वाले स्लैब में वस्तुओं की संख्या को घटाकर सिर्फ 50 कर दिया था. इससे पहले इन वस्तुओं की संख्या 227 थी. अब जीएसटी दर के 28 फीसदी स्लैब में ज्यादातर लग्जरी और अहितकर वस्तुओं को रखा गया है.