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GST : मुनाफाखोरी के ख‍िलाफ श‍िकायत करना आसान नहीं, प्रक्रिया है जटिल

आपके साथ कोई दुकानदार मुनाफाखोरी करने की कोश‍िश करता है या फिर कोई आप से तय रेट से ज्यादा चार्ज वसूल रहा है, तो आप उसके ख‍िलाफ श‍िकायत कर सकते हैं. इसके लिए मुनाफाखोरी विरोधी समिति का गठन किया गया है. केंद्र सरकार ने इस तंत्र को तो खड़ा कर दिया है, लेक‍िन मुनाफाखोरी विरोधी समिति से शिकायत करन आम आदमी के लिए आसान नहीं होगा.

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जीएसटी मुनाफाखोरी विरोधी समिति
जीएसटी मुनाफाखोरी विरोधी समिति

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आपके साथ कोई दुकानदार मुनाफाखोरी करने की कोश‍िश करता है या फिर कोई आप से तय रेट से ज्यादा चार्ज वसूल रहा है, तो आप उसके ख‍िलाफ श‍िकायत कर सकते हैं. इसके लिए मुनाफाखोरी विरोधी समिति का गठन किया गया है. केंद्र सरकार ने इस तंत्र को तो खड़ा कर दिया है, लेक‍िन मुनाफाखोरी विरोधी समिति से शिकायत करन आम आदमी के लिए आसान नहीं होगा.

जारी किया है एक फॉर्म

केंद्र सरकार ने मुनाफाखोरी विरोधी समिति से श‍िकायत करने के लिए एक फॉर्म जारी किया है.  जब आप किसी दुकानदार अथवा कारोबारी के खिलाफ श‍िकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको फॉर्म में काफी ज्यादा जानकारी दर्ज करनी होगी.

देनी होगी काफी जानकारी

इस फॉर्म में श‍िकायतकर्ता को इनपुट टैक्स क्रेडिट और  कारोबारी के जीएसटीएन नंबर को फॉर्म में बताना होगा. इसके अलावा आपको अपनी श‍िकायत को आधार देने के लिए सबूतों के दस्तावेज जमा करने होंगे.  इसके लिए आपको सबूतों के साथ पहचान पत्र, एनवॉइस और कीमत समेत अन्य कई  चीजें देनी हैं.

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इसके साथ ही आपको एक घोषणापत्र भी देना होगा. आपको इस घोषणापत्र में यह कहना होगा कि आपकी तरफ से जो भी जानकारी दी गई है, वह एकदम सही है और आप इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.

ऐसे काम करेगी समित‍ि

सरकार ने मुनाफाखोरी विरोधी सम‍िति कैसे काम करेगी और दंड के क्या प्रावधान वह कर सकती है. इसको लेकर जानकारी दी है. केंद्र सरकार की तरफ से किए गए एक ट्वीट में इस सम‍िति को लेकर पूरी जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक एक केंद्रीय स्तर पर और एक राज्य स्तर पर मुनाफाखोरी विरोधी समिति है.

कैसे करें श‍िकायत

केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अगर मुनाफाखोरी का मामला केंद्र स्तर का बनता है, तो इसकी श‍िकायत आपको राष्ट्रीय स्तर पर देनी होगी. अगर श‍िकायत राज्य स्तर की है, तो इसके लिए आपको राज्य स्तरीय मुनाफाखोरी विरोधी समिति की स्थायी समिति के  सामने अपनी श‍िकायत करनी होगी. फॉर्म डाउनलोड करने के लिए यहां क्ल‍िक करें

इसके बाद तय होगी सजा

शिकायत दर्ज होने के बाद  मुनाफाखोरी विरोधी समिति सजा को लेकर फैसला लेगी. यह फैसला जुर्माना लगाने से लेकर ग्राहक को पैसे लौटाने तक की हो सकती है. हालांक‍ि इस पूरी प्रक्रिया में लगने वाला समय और अपनी बात को साबित करने के लिए आम आदमी को कई दस्तावेज जमा करने होंगे. इसकी वजह से लोग श‍िकायत करने से बच सकते हैं.

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पड़ जाएगा लंबा फेर

कई लोग श‍िकायत करने के लिए इतने लंबे फेर में पड़ने की बजाय श‍िकायत न ही करना बेहतर समझेंगे. केंद्र सरकार को मुनाफाखोरी विरोधी समित‍ि में श‍िकायत करने के काम को आसान बनाना होगा. तब ही लोग किसी दुकानदार के ख‍िलाफ इस समिति के पास जाने का साहस करेंगे.

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