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GST जनता के लिए 'अमृत' तो सरकार के लिए 'संजीवनी', ये हैं 3 बड़े फैक्टर

मोदी सरकार का फिलहाल जीएसटी बिल पर फोकस है और वो उसे हरहाल में पास कराने में जुटी है. सरकार ने इस मुद्दे पर नरमी का संकेत देते हुए विपक्ष से भी सहयोग की अपील की है.

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बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया जाएगा
बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया जाएगा

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केंद्र में मोदी सरकार के दो साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, वैसे तो आर्थिक मोर्चे पर इस सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं, लेकिन फैसले को अंतिम रूप नहीं मिल पाया है. इसके पीछे तमाम बाधाएं हैं, जिसे सुलझाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. बुधवार को जीएसटी बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

राज्यसभा में विपक्ष का पलड़ा भारी
सरकार आर्थिक विकास को रफ्तार देना चाहती है. लेकिन सरकार 'नीति' और 'नीयत' के दावपेंच में उलझ जा रही है. लोकसभा में तो आंकड़े सरकार के पक्ष में है, लेकिन राज्यसभा में मामला अटक जा रहा है, क्योंकि राज्यसभा में सरकार के पास अपने बूते पर कोई भी बिल पास कराने के लिए प्रर्याप्त आंकड़े नहीं है, और विपक्ष को मनाने में अब तक सरकार नाकामी रही है. हालांकि विपक्ष के पास भी सरकार को घेरने का एकमात्र राज्यसभा ही मंच है. लेकिन इस बार बिल पास होने की ज्यादा उम्मीद है.

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जीएसटी पर सरकार का फोकस
वैसे सरकार ने संकेत दे दिया है कि मानसून-सत्र में उसका पूरा फोकस जीएसटी बिल को पास कराने पर है. अब तक बीते सत्र में इस पर आम सहमति नहीं बन पाने की वजह से मामला अटकता रहा है. लेकिन इस सत्र में अगर जीएसटी बिल पास हो जाता है तो निश्चिततौर पर आर्थिक विकास को बल मिलेगा और इसका सीधा फायदा आम आदमी मिलेगा. साथ ही ये सरकार के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगा और मोदी सरकार भी इसे भुनाने में पीछे नहीं रहेगी. सरकार की महंगाई के मोर्चे पर जमकर किरकिरी हो रही है, दाल की बढ़ती कीमत ने तो सरकार को घुटने के बल ला दिया है. ऐसे में देश में एक सामान टैक्स लागू होने से डेली यूज के सामानों के दाम में 10 फीसदी तक की गिरावट मुमकिन है.

भूमि अधिग्रहण बिल पास नहीं होने से सरकार बैकफुट पर
सरकार को पूरी उम्मीद है कि जीएसटी कानून एक बार फिर जनता में फैली तमाम नाराजगी को दूर कर देगी. क्योंकि भूमि अधिग्रहण बिल को वापस लेना सरकार के लिए बड़ी नाकामी के तौर पर विपक्ष ने भुनाया. कांग्रेस ने तो इसे अपनी जीत तक बता डाली, और अब हालात ये है कि तमाम कोशिशों के वाबजूद भूमि अधिग्रहण बिल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. आर्थिक सुधार के रफ्तार देने के लिए भूमि अधिग्रहण बिल को पास होना बेहद जरूरी है, लेकिन राज्यसभा में आंकड़े नहीं होने की वजह सरकार लाचार है. भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट है, और वे सरकार के मौजूदा बिल को सीधे तौर पर किसान विरोधी करार देते हुए सरकार की दांवों की हवा निकाल दी. इस मुद्दे पर विपक्ष के हल्लाबोल से सरकार बैकफुट पर आ गई. बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने भूमि अधिग्रहण बिल को खूब भुनाया, और इसका उन्हें फायदा भी मिला.

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जीएसटी के अलावा कई अहम बिल लाइन में
वैसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का फिलहाल जीएसटी बिल पर फोकस है और वो उसे हरहाल में पास कराने में जुटी है. सरकार ने इस मुद्दे पर नरमी का संकेत देते हुए विपक्ष से भी सहयोग की अपील की है. अगर इस सत्र में जीएसटी बिल पास हो जाता है, तो सरकार यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस पूरी तरह से अपनी कामयाबी के तौर पर भुनाएगी. हालांकि इसके अलावे भी दो दर्जन से ज्यादा बिल इस सत्र में संसद में चर्चा के लिए लाइन में हैं. जिसमें से कइयों पर सरकार और विपक्ष में टकराव निश्चित है.

10 साल से जीएसटी पर माथापच्ची
भारत में सबसे पहले साल 2006-07 के आम बजट में जीएसटी की चर्चा हुई थी. लेकिन अब तक इसे कानूनी रूप नहीं दिया जा सका है. लेकिन मोदी सरकार इसे कानूनी अमलीजामा पहनाकर यूपी की चुनाव मैदान में उतरना चाहती है, क्योंकि इसके लागू होते ही कई चीजों की कीमतों में अच्छी-खासी गिरावट आ जाएगी, जनता के लिए इससे बड़ा तोहफा मोदी सरकार के पास फिलहाल नहीं है.

आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी बिल जनता और सरकार दोनों के लिए क्यों जरूरी है.

1. असामान्य टैक्स की वजह महंगा होता सामान
मौजूदा समय में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स किसी उत्पाद की कीमत उत्पादन से लेकर ग्राहकों के हाथ तक पहुंचने में दुगुनी से लेकर तीगुनी तक हो जाती है. ग्राहक किसी भी चीज को खरीदने में उसपर 30-35 फीसदी तक टैक्स भरते हैं. कुछ चीजों में टैक्स 50 फीसदी तक चुकाने पड़ते हैं. लेकिन जीएसटी लागू होने से पूरे देश में ये टैक्स घटकर 12 से 16 फीसदी तक सीमित हो जाएंगे. जनता को इससे ज्यादा और क्या चाहिए.

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2. टैक्स प्रक्रिया में भी सुधार
जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स संरचना में बदलाव आ जाएगा. टैक्स भरना बेहद आसान हो जाएंगे, साथ ही टैक्स चोरी पर भी लगाम लग जाएगा. और इसका सीधा फायदा जीडीपी पर पड़ेगा, साथ ही देश की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आएगी.

3. बिजनेसमैन को फायदे
जीएसटी लागू होने के बाद सभी कंपनियों के खर्चे कम होंगे. साथ ही टैक्स को लेकर जो परेशानी उससे मुक्ति मिल जाएगी. एक जगह से दूसरे जगह सामान ले जाने में बेहद आसानी होगी, जिससे व्यापार में वृद्धि होगी. लागत कम होने से वस्तुओं के दामों में गिरावट आएगी, जिसका फायदा उपभोक्ता को भी होगा.

जनता खुश तो सरकार के लिए अच्छे दिन
जानकारों की मानें तो भले ही जीएसटी बिल विपक्ष के सहयोग से ही पास हो पाएगा. लेकिन 100 फीसदी फायदा सरकार को मिलेगी, और इसे लंबे अर्से तक सरकार भुनाएगी. यूपी और पंजाब चुनाव में तो इसका असर होगा ही, साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी सरकार को जीएसटी फील गुड कराएगी, लेकिन विपक्षी पार्टियां भी इतनी आसानी मोदी सरकार को राह देने वाली नहीं है.

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