देश के सबसे बड़े आर्थिक बदलाव सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST), इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST), यूनियन टेरीटरी जीएसटी (UTGST) और कंपेन्सेशन जीएसटी (CGST) बिल लंबी बहस के बाद बुधवार को लोकसभा में पारित हो गए. इससे पहले केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द जीएसटी लागू करने कि लिए अहम चार विधेयक संसद में पेश किए. बुधवार को लंबी बहस के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चारों जीएसटी बिल के पास होने की घोषणा की.
अब केन्द्र सरकार को GST लागू करने का अंतिम मसौदा तैयार करना है. जीएसटी पर बहस के दौरान वित्तमंत्री जेटली ने सदस्यों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यूपीए के दौरान राजनीति के कारण से जीएसटी को लेकर सहमति नहीं थी. लोकसभा में सवालों के जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी. अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र औॅर कुछ टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को था.
GST के लागू होने से देश भर में एक इकोनॉमिक रेट होगा. टैक्स से जुड़े मुद्दे मनी बिल का हिस्सा होते हैं. राज्य और केंद्र मिलकर सामान और सेवाओं में टैक्स लगाएंगे. इससे देश भर में वस्तुओं के दाम कम होंगे. वित्तमंत्री ने कहा कि GST से आम लोंगो पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा रहा है. साथ ही सेहत पर बुरा खराब असर डालने वाले सामानों और लग्जरी प्रोड्क्स पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है.
चप्पल और बीएमडब्ल्यू पर एक समान टैक्स नहीं
जेटली ने कहा कि जीएसटी के कई टैक्स रेट होना ठीक है. हवाई चप्पल और बीएमडब्ल्यू पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता है. उन्होंने कांग्रेस नेता विरप्पा मोइली के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि GST बिल पर
कांग्रेस के सात वित्तमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए हैं. कई ऐसे विषय है, जिन पर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति नहीं है. वैट की तरह इस मुद्दे पर भी फिलहाल हम आगे बढ़ेंगे. संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और
सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा.
राज्यों को होने वाले घाटे की भरपाई होगी
जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. संविधान संसोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा, तो उसकी व्यवस्था की जाएगी.
टैक्स को लेकर अगर दो राज्यों में विवाद होता है, तो आम सहमति से फैसला लिया जाएगा. जम्मू एवं कश्मीर राज्य को GST कानून के दायरे में नहीं लाया गया है, क्योंकि केंद्र के कानून वहां लागू नहीं होते हैं. अब केंद्र और सरकार मिलकर एक टैक्स निर्धारित करेंगे. अभी तक राज्य अपने अधिकार क्षेत्र पर टैक्स लगाते थे और केंद्र अपने स्तर पर. हालांकि अगर राज्य चाहे, तो इसको लागू कर सकता है.
पीएम मोदी ने दी बधाई
लोकसभा में GST बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी.उन्होंने ट्वीट किया, "जीएसटी बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई. नया साल, नया कानून, नया भारत."
GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई | नया साल, नया कानून, नया भारत!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2017
पढ़ें लाइव अपडेट
-संवैधानिक ढांचे में एक बदलाव की जरूरत थी. GST काउंसिल की ओर से टैक्स दर तय किए जाने को संविधान में व्यवस्था है.
-GST से टैक्स पर टैक्स नहीं लगेगा, जिससे देश में सामान सस्ता होगा.
-देश के हित में केंद्र और राज्यों ने अपनी शक्तियों को एक टैक्स में पिरो दिया है.
-GST लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी.
-GST के लागू होने के बाद देश भर में स्वतंत्र रूप से गुड्स एवं सर्विसेज के मूवमेंट आसान होगा.
-GST पर जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि मल्टीपल टैक्स प्रणाली ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है.
-जेटली ने कहा कि GST के तहत राज्यों और केंद्र को अधिकार दिया गया. हालांकि इस पर संसद को प्रभावी बनाया गया है.
-राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राम कुमार शर्मा ने सरकार से पेट्रोलियम को GST के दायरे में लाने की मांग उठाई
-GST के लागू होने से आपूर्ति क्षमता बेहतर होगीः TMC सांसद सौगता रॉय
-आम आदमी को जीएसटी की समझ नहीं: एनसीपी
-यूपी में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है, अब आपको काम करना होगा: मुलायम
-वहीं TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, पश्चिम बंगाल ने सभी राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया है.
-बनर्जी ने कहा, ममता बनर्जी ने 2009 के शुरुआत में GST को सिद्धांत रूप से समर्थन दिया था. हमारा राज्य हाशिए पर खड़े और जरूरतमंद लोगों के लिए हमेशा से खड़ा है.
-अमरावती से शिवसेना सांसद ने कहा, उनकी पार्टी GST पर केंद्र का समर्थन करती है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि एल्कोहल और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर क्यों रखा गया है.
-वहीं गुंटूर से टीडीपी सांसद ने जयदेव गल्ला ने कहा, हम यहां इतिहास बनता हुआ देखने बैठे हैं. मैं इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं. धरती की कोई भी ताकत इस बिल को लागू होने ने नहीं रोक सकती.
-इस विधयक पर चर्चा करते हुए AIADMK सांसद टी जी वेंकटेश बाबू ने कहा, 1947 के बाद भारत में सबसे बड़ा टैक्स सुधार होगा GST, लेकिन इसे लागू करने की राह में कई चुनौतियां भी सामने आएंगी.
उदित राज ने मोइली की चिंता को बताया बेमानी
-वहीं GST से संघीय ढांचे पर प्रहार के मोइली के आरोपों को बीजेपी सांसद उदित राज ने खारिज किया है.
-राज ने कहा कि चूंकि राज्य भी GST से सहमत हैं, इसलिए, यह आरोप आधारहीन है.
-उदित राज ने कहा, GST गेमचेंजर है. यह अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने वाला है. इससे बड़ा बिल पास नहीं हुआ है.
-इस नई कर व्यवस्था से एकरूपता आएगी और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
-GST ने ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा. इसका ईमानदार करदाताओं को फायदा मिलेगा.
-जब सभी अप्रत्यक्ष कर मिला दिए जाएंगे, इससे निवेश बढ़ेगा और महंगाई घटेगी.
-विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि GST लागू होने से GDP में 2% का इजाफा होगा.
-वहीं GST कानून लाने के कांग्रेस सरकार के कदम अड़ंगा डालने के आरोप पर उदित राज ने कहा, अगर मुआवजे के प्रावधान पहले ही हल कर लिए जाते, तो यह कानून काफी पहले लागू हो जाता.
मोइली ने बताया संघीय ढांचे पर बड़ा प्रहार
-वहीं GST बिल पर चर्चा में कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा- GST कानून कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार का उठाया गया गेमचेंजर कानून था.
-मोइली ने कहास, कांग्रेस ने GST लागू करने की कोशिशों को तब विपक्ष में बैठी बीजेपी ने बाधित किया.
- बीजेपी के इस कदम से देश को 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है- मोइली
-आज आपने जो बिल पेश किया, वह कोई गेम चेंजर नहीं बल्कि एक नन्हा कदम है: GST पर मोइली
-मोइली ने कहा, मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के लिए बिल में जिस प्रावधान का जिक्र है, वह बेहद सख्त है.
- यह कानून तकनीकी रूप से एक दु:स्वप्न जैसा होगा. नए विधेयक के कुछ प्रावधान लाल फीताशाही को बढ़ाएंगे.
- यहां कई टैक्स दरें रखी गई हैं. टैक्स भरने वालों को इससे कोई राहत नहीं मिलेगा.
- यह करदाताओं के खिलाफ कदम होगा और इससे भ्रष्टाचार और उत्पीड़न में इजाफा होगा.
- वित्तीय वर्ष के बीच में नई टैक्स प्रणाली लाने के दुष्परिणाम होंगे.
- यह एक गंभीर मामला है, बस संवैधानिक संशोधन की आड़ न ली जाए.
- इस राज्यों और केंद्र के बीच अराजकता और टकराव वाली स्थिति पैदा होगी- मोइली
- मोइली ने कहा, यह देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार है. राज्यसभा के सभी सदस्यों को इसके खिलाफ इस्तीफा दे देना चाहिए.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गिनाए GST के ये फायदे
-लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा करते हुए GST एक क्रांतिकारी बिल है. यह सभी को फायदा पहुंचाएगा
-अरुण जेटली ने कहा, अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को था कुछ का राज्य को, अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी.
- अरुण जेटली बोले- संसद को भी और राज्यों की विधानसभा को गुड्स और सर्विस पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा. GST काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि हैं.
--GST काउंसिल की 12 बैठकें हुई, ताकि इस पर आपसी सहमति बन सके. हमें यह ध्यान रखना होगा अधिकारों का दुरुपयोग न हो. अरुण जेटली
- संविधान संसोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा तो उसकी व्यवस्था की जाएगी.
-इसका लक्ष्य वस्तु और सेवाओं का बेहतर संचालन सुनिश्चित करता है. राज्य और केंद्र के बीच राजस्व का बंटवारा होगा.
-संसद और राज्य विधानसभाओं को जीएसटी लगाने को अधिकार होगा. और यह कैसे होगा, इसी पर हम काम कर रहे हैं, जिससे कि कोई टकराव ना हो और हम टैक्स का संघीय ढांचा बना सकें.
-वित्तमंत्री जेटली ने चर्चा के लिए जीएसटी से जुड़े चार विधेयक पेश किए हैं. इस पर आज लोकसभा में 7 घंटों की मेराथन चर्चा होगी.
-वहीं टैक्स दरों की चर्चा करते हुए जेटली ने कहा, अभी हमारे पास कई टैक्स ब्रैकेट्स हैं. ये टैक्स स्लैब्स 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं.
-जेटली ने कहा, खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, जबकि नुकसानदेह या लक्जरी वाली चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है.
-वित्तमंत्री ने कहा, जीएसटी दरों का स्फीतिकारी असर नहीं
बता दें कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को जल्द लागू करने के लिये सरकार इससे जुड़े चार विधेयकों को संसद में पेश कर चुकी है. इन विधेयकों पर बहस के जरिए केन्द्र सरकार जल्द से जल्द देशभर में जीएसटी लागू करने का मसौदा तैयार करेगी. ये चार विधेयक --केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017, एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017, संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017 और वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017 हैं.
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस समय जो जटिल कर प्रणाली है, वह दुनिया की सबसे सरल कर प्रणाली बन जायेगी. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह जीएसटी से जुड़े चारों विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी थी.