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GST पर जावड़ेकर ने ली क्लास, दूर किए कंफ्यूजन

जीएसटी के तहत 64 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड हो चुके हैं. साथ ही सरकार की ओर से प्रावधान किया है कि प्रोविजनल आईडी पर जीएसटी के तहत व्यापारी अपना करोबार कर सकते हैं. साथ ही 20 लाख से कम टर्न ओवर वाले व्यापारी को जीएसटी के तहत व्यापार करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अब भी 13-17 लाख व्यापारी और हैं जिन्हें रजिस्टर्ड करना बाकी है.

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जीएसटी पर मंत्री जी की क्लास
जीएसटी पर मंत्री जी की क्लास

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एक जुलाई से जीएसटी लागू होने वाला है. इसे लेकर उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों ही के बीच काफी संशय की स्थिति है. सरकार इसे गेमचेंजर बता रही है लेकिन इसे लागू करने और क्रियान्वन को लेकर काफी सवाल पर उठे हैं. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर 'आजतक' के खास कार्यक्रम में दर्शकों के सवालों का LIVE जवाब दे रहे हैं और उनके कन्फ्यूजन दूर कर रहे हैं.

प्रकाश जावड़ेकर ने साफ कहा है कि टैक्स को लेकर सोसायटी ज्यादा सहज नहीं है और अपनी आय छिपाकर टैक्स बचाना चाहते हैं. एडिश्नल कमिश्नर सचिन जैन ने कहा कि सरकार की ओर से इसे लागू करने के लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी है. लागू करने में जिन भी विभागों की जरूरत है वहां फाइलों का काम पूरा किया जा चुका है.

hजीएसटी के तहत 64 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड हो चुके हैं. साथ ही सरकार की ओर से प्रावधान किया है कि प्रोविजनल आईडी पर जीएसटी के तहत व्यापारी अपना करोबार कर सकते हैं. साथ ही 20 लाख से कम टर्न ओवर वाले व्यापारी को जीएसटी के तहत व्यापार करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अब भी 13-17 लाख व्यापारी और हैं जिन्हें रजिस्टर्ड करना बाकी है.

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अंशुमन तिवारी के मुताबिक जीएसटी उतना आसान नहीं है जितना बताया जा रहा है. सैद्धांतिक स्तर की चुनौतियों से निपटने में सरकार को दिक्कतें आने वाली है. राज्य, केंद्र और इंट्रीगेटिड जीएसटी अलग-अलग हैं ऐसे में तीनों के साथ समन्वय करने में दिक्कत आने वाली है.

शिक्षा से जुड़े सामान पर टैक्स लगाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि रबड़, कटर, किताबों पर पहले ही टैक्स लगाया जाता था, इन वस्तुओं पर अलग से कोई टैक्स नहीं लगाया जा रहा है. जीएसटी के जरिए उसे मिलाकर एक कर दिया जाएगा.

परिवहन को लेकर लगने वाले अलग-अलग टैक्सों को जोड़कर एक कर दिया गया है. पटना से बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों की ओर से टैक्स की दर पर पूछे गए सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अलग-अलग राज्यों के टैक्स से असमान प्रतिस्पर्धा होती थी, इसीलिए एक टैक्स लागू किया जा रहा है.

जीएसटी के अंदर बहुत सारे टैक्स का समावेश किया गया है. मकान खरीदने पर कन्सट्रक्शन की दर 12 फीसद रखी गई है. जीएसटी लागू होने के बाद मकान की कीमतों पर मंत्री जी ने कहा कि मकान और कपड़े जीएसटी लागू होने के बाद सस्ते हो जाएंगे.

टैक्स एक्सपर्ट विवेक जैन के मुताबिक मकान पर लगने वाले वैट और सर्विस टैक्स मिलाकर 9 फीसद बैठता था लेकिन अब यह टैक्स बढ़कर 12 फीसद हो जाएगा. ब्रांडेड सामान खरीदने पर आपको पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.

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जावड़ेकर ने कहा कि देश में हर एक के फायदे के लिए नई टैक्स प्रणाली को लागू किया जा रहा है. इससे देश के गरीब-गांव को बड़ा फायदा होने वाला है. उन्होंने कहा कि संसद में 36 राजनीतिक दलों ने मिलकर यह प्रणाली बनाई है और हमें इसकी अहमियत समझनी चाहिए. जावड़ेकर ने कहा कि इसके लागू होने से आयात बढ़ेगा और दुनिया में भारत की साख बढ़ेगी, यह एक नया बदलाव है और शुरू में थोड़ी में दिक्कत आ सकती है लेकिन उसके बाद ज्यादा फायदा होगा.

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