जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक पूरी हो चुकी है. इस बैठक में आम आदमी को बड़ा तोहफा दिया गया है. परिषद ने कैशलेस लेन देन करने वाले लोगों को 2 फीसदी छूट देने की पेशकश की है. इसके जरिये अधिकतम 100 रुपये तक छूट दिए जाने की चर्चा है. हालांकि अभी इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. परिषद ने गन्ना किसानों की खातिर भी एक अहम फैसला लेने पर विचार किया. इसके साथ ही जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बना दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चीनी पर 2 फीसदी सेस लगाए जाने को लेकर भी चर्चा हुई. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद बताया कि सेस लगाने पर विचार करने के लिए एक मंत्रियों का समूह बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गन्ना किसान काफी ज्यादा दबाव में हैं. इसके लिए अगले 2 हफ्तों के भीतर 5 मंत्रियों का एक समूह चीनी पर सेस लगाने को लेकर विचार करेगा. इसके बाद इसको लेकर समूह अपने सुझाव साझा रखेगा.
उन्होंने कहा कि यह समूह ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए अपना सुझाव देगा, जहां सामान की लागत इसकी बिक्री की कीमत से काफी ज्यादा हो जाती है. वित्त मंत्री ने बताया कि इस समूह के गठन की घोषणा अगले दो दिनों के भीतर कर दी जाएगी.
इस बैठक में जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बना दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि केंद्र सरकार 50 फीसदी अपने पास रखेगी. 50 फीसदी राज्य सरकारों के पास संयुक्त रूप से रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्यों के संयुक्त शेयर को यथानुपात में जीएसटी रेशियो के हिसाब से उनके बीच बांट दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मीटिंग में जीएसटीएन के स्वामित्व को लेकर चर्चा हुई. फिलहाल जीएसटीएन का जो मौजूदा ढांचा है. इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है. जबकि 51 फीसदी अन्य संस्थानों के पास है. उन्होंने बताया, 'मैंने सुझाव दिया था कि सरकार को 51 फीसदी की हिस्सेदारी दी जाए. हिस्सेदारी केंद्र और राज्य सरकार के बीच बराबरी में बांट दिया जाए.
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चर्चा के लिए कई मुद्दे थे. परिषद के सभी सदस्यों ने जीएसटी के पहले साल के रेवेन्यू कलेक्शन पर संतुष्टी जाहिर की है.