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GST काउंसिल की बैठक जारी, निकलेगा 'अच्छे दिन' का फॉर्मूला?

वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर लगातार आलोचना झेल रही केंद्र सरकार अब छोटे व्यापारियों को दिवाली तोहफा देने की तैयारी कर रही है. शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल बैठक में सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों को GST रिटर्न फाइल करने के लिए राहत मिल सकती है

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GST काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री जेटली (फोटो - MIB)
GST काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री जेटली (फोटो - MIB)

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वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर लगातार आलोचना झेल रही केंद्र सरकार अब छोटे व्यापारियों को दिवाली तोहफा देने की तैयारी कर रही है. दिल्ली में जीएसटी काउंसिल बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों को GST रिटर्न फाइल करने के लिए राहत मिल सकती है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच सभी चिंताओं को लेकर बैठक हुई थी.

बैठक शुरू होने के बाद उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि यह लगभग तय हो गया है कि कंपोजिशन स्कीम की लिमिट 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दी जाएगी.

2018 तक टलेगा अनुपालन!

छोटे व्यापारियों को तिमाही आधार पर जीएसटी भरने की छूट दी जा सकती है. छोटे व्यापारियों को जीएसटी के अनुपालन में भी राहत मिल सकती है. इसके चलते जीएसटी का अनुपालन मार्च 2018 तक टाला जा सकता है. इसके अलावा निर्यातकों को भी राहत मिल सकती है.

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इन पर भी हो सकता है फैसला

- छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी, छूट की स्लैब को 75 लाख से बढ़ाकर 1.5 करोड़ तक किया जा सकता है.

- टैक्सटाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिल सकती है.

- पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के अंदर लाने की प्रक्रिया पर विचार हो सकता है.

- छोटे टैक्सपेयर पर बोझ को कम करने पर विचार.

- कम्पोज़िशन स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन को दोबारा खोला जा सकता है.

सुरेश प्रभु देगें राहत

शुक्रवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु निर्यातकों से भी मुलाकात करेंगे. ऐसे में निर्यातकों को छूट का ऐलान हो सकता है. सरकार निर्यात को बढ़ाने के लिए भी कुछ राहत दे सकती है. अधिकारियों ने कहा कि GST की पूर्ण बैठक में GST नेटवर्क के कामकाज में सुधार का भी आकलन किये जाने की संभावना है. परिषद की यह 22वीं बैठक होगी. इससे पहले वित्त मंत्रालय ने निर्यातकों के कई राउंड की वार्ता की है.

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गुजरात चुनाव और संघ का दबाव!

जल्द ही गुजरात चुनाव होने वाले हैं, इसलिए बीजेपी दबाव में है कि कहीं जीएसटी के कारण व्यापारी समाज उनसे नाराज़ ना हो जाए. इसके अलावा भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मजदूर संघ, राज्यों की यूनिट की ओर से भी इसको लेकर लगातार सरकार पर दबाव बन रहा था.

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PM मोदी ने GST में बदलाव का दिया था आश्वासन

बृहस्पतिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली ईयर समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने GST में बदलाव करने का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा था कि GST से व्यापारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार कदम उठाएगी.

लघु उद्योग भारती ने पहले ही कर दिया था आगाह

सूत्रों की मानें तो संघ के लघु उद्योग भारती (जो छोटे व्यापारियों के बीच काम करता है) और स्वदेशी जागरण मंच ने भी जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी पर मिलने वाली छूट खत्म होने को लेकर व्यापारियों की नाराजगी से संघ, सरकार और बीजेपी नेतृत्व का आगाह कर चुका है.

इन्होंने कहा कि इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. संघ के सूत्रों की माने तो सरकार ने अगर छोटे व्यापारियों को एक्साइज ड्यूटी पर मिलने छूट की सीमा को नहीं बढ़ाया, तो लघु उद्योग भारती और स्वदेशी जागरण मंच भी भारतीय मज़दूर संघ की तरह सरकार के ख़िलाफ प्रदर्शन करेंगे.

सुशील मोदी की अगुवाई में बनी है टीम

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि GSTN में गड़बड़ी पर गौर करने के लिये बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में मंत्रियों का समूह गठित किया गया है. समूह पोर्टल के काम के बारे में परिषद को जानकारी देगा. निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हंसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शुक्रवार को दे सकती है. इसके आधार पर परिषद निर्यातकों को कुछ राहत देने के लिए सिफारिश कर सकती है, ताकि रिफंड के रूप में फंसी उनकी कार्यशील पूंजी जल्द जारी हो सके.

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