गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की बैठक 20 जून को होने वाली है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जीएसटी काउंसिल की यह पहली बैठक है. इस बैठक में 28 फीसदी स्लैब के कई प्रोडक्ट्स पर राहत के ऐलान किए जा सकते हैं. इसके अलावा काउंसिल की बैठक में ई-इनवॉइस समेत कई अहम ऐलान होने की उम्मीद है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक काउंसिल की बैठक में कंपनी से कंपनी के बीच खरीद-फरोख्त (B2B) के लिए एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर ई-इनवॉइस क्रिएट करने की प्रस्तावित व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है. वित्त मंत्रालय ई-इनवॉइस प्रणाली सितंबर से शुरू करने की योजना बना रहा है.
सरकार के इस कदम से जीएसटी की चोरी पर अंकुश लगाने की कोशिशों को बल मिलेगा. कंपनियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 2017-18 में 68,041 कंपनियों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दिखाया. इन कंपनियों का जीएसटी में 66.6 फीसदी योगदान रहा. वहीं जीएसटी भुगतान करने वाली कुल इकाइयों की बात करें तो ऐसी कंपनियों का हिस्सा केवल 1.02 फीसदी है लेकिन बी2बी इनवॉइस निकालने के मामले में इनकी हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है.
28 फीसदी स्लैब में बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब से कई चीजों को हटाया जा सकता है. कुछ राज्यों ने टैक्स रेट घटाने का समर्थन किया है. बता दें कि जीएसटी के 28 फीसदी वाले स्लैब में - लग्जरी कारें, एसी, फ्रिज, प्रीमियम कारें, सिगरेट, महंगी बाइक आते हैं.
मई का जीएसटी कलेक्शन
बता दें कि मई में जीएसटी कलेक्शन में 6.67 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई हैं. इस बार 1,00,289 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ. वित्त मंत्रालय के मुताबिक 17,811 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 24,462 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49,891 करोड़ रुपये आईजीएसटी (आयात शुल्क से एकत्र किए गए 24,875 करोड़ रुपये समेत) और सेस से 8,125 करोड़ रुपये (953 करोड़ रुपये आयात शुल्क से) संग्रह किए गए.हालांकि यह संग्रह अप्रैल की तुलना में कम रहा, जो कि सर्वाधिक उच्चस्तर 1,13,865 करोड़ रुपये था. अप्रैल माह के लिए 31 मई, 2019 तक कुल 72.45 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए.