मोदी सरकार लगातार कैशलेस लेन देन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए वह आम आदमी को कई जगहों पर छूट भी दे रही है. अब सरकार इस छूट को और आगे बढ़ा सकती है. सरकार सामान पर लगने वाले जीएसटी में कैशलेस लेनदेन में राहत दे सकती है. इस तरह आपके लिए दूसरों के मुकाबले सामान खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा.
4 मई को जीएसटी परिषद की बैठक होनी है. इस बैठक में परिषद उन लोगों को खरीदारी पर डिस्काउंट दे सकती है, जो डिजिटल भुगतान करेंगे. इस बैठक में कैशलेस लेन देन पर जीएसटी रेट में दो फीसदी की छूट दी जा सकती है. हालांकि इस छूट की अधिकतम सीमा 100 रुपये रह सकती है. यह फायदा बिजनेस टू कंज्यूमर लेन-देन में मिल सकता है.
प्रस्ताव के मुताबिक ग्राहक को दो विकल्प दिए जा सकते हैं. इसमें एक यह होगा कि वे नगद में भुगतान करें और सामान्य जीएसटी रेट अदा करें. दूसरा विकल्प होगा कि ग्राहक डिजिटल लेन-देन करें और इसके बदले जीएसटी रेट में 2 फीसदी की छूट पाएं. हालांकि अंतिम फैसला क्या लिया जाता है, यह 4 मई को ही पता चलेगा.
अधिकारियों के मुताबिक अगर जीएसटी परिषद में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है, तो इससे सरकारी खजाने पर 10 हजार से 25 हजार करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा. हालांकि यह खर्च इस पर निर्भर करेगा कि हर साल कितने कैशलेस लेन-देन होते हैं.
फिलहाल जीएसटी परिषद की बैठक के एजेंडे में जीएसटी रिटर्न फाइल करने को सरल बनाने समेत अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के नियमों में जरूरी संशोधन शामिल है. परिषद की 27वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे.
इस बैठक में जीएसटीएन को एक सरकारी कंपनी बनाने पर भी विचार हो सकता है. इसी बैठक में सुशील मोदी की अगुवाई वाला मंत्रियों का समूह रिटर्न फॉर्म का नया प्रारूप भी यहां पेश करेगा.