वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है. इससे कर की दरें स्थित होंगी और संभवत: उन्हें नीचे भी लाया जा सकेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि दरें इतनी रेवेन्यू न्यूट्रल होनी चाहिए, जिससे फिलहाल केंद्र और राज्यों के रेवेन्यू का जो स्तर है, उसे ठीक से बरकरार रखा जा सकते. उन्होंने कहा कि कर की दरें अब भी ठीक हैं, जिससे करदाताओं पर कोई अनुचित बोझ नहीं पड़ रहा.
अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करना चाहती है सरकार
सरकार 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करना चाहती है. आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र में इसे सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है. इसके लागू होने से देश में सामान एवं सेवाओं का आवागमन आसान हो जायेगा.
संसद ने जीएसटी विधेयक को 8 अगस्त को पारित कर दिया था. उसके बाद से सबसे पहले असम ने इसका अनुमोदन किया और 1 सितंबर तक कुल मिलाकर 16 राज्य विधानसभाओं में जीएसटी विधेयक के अनुमोदन
प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी. संविधान संशोधन विधेयक होने की वजह से इस 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं में इस बिल को मंजूरी मिलनी जरूरी थी.
GST के लिए ओबामा ने दी थी पीएम मोदी को बधाई
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी हाल में जीएसटी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी थी और कहा था कि कठिन वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के दौर में यह साहसिक नीति का उदाहरण है.