अभी तक टीवी, फ्रिज, मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक समान खरीदने पर आपको एक्सचेंज ऑफर आसानी से मिल जाता था. इन ऑफर के चलते आप अपने पुराने टीवी, फ्रिज, मोबाइल के बदले कुछ डिस्काउंट लेकर सस्ते में खरीदारी कर लेते थे. अब 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा करने में न तो आपको और न ही दुकानदार को कोई फायदा होगा.
क्यों मिलता है एक्सचेंज ऑफर
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आपकी जरूरत के अहम वार्षिक खर्च हैं. रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले ऐसे उत्पादों के बगैर आपका काम नहीं चलता. आप अपने लिए टीवी, फ्रिज, गीजर, कंप्यूटर, ओवन जैसी इस्तेमाल की चीजें खरीद चुके हैं तो ऐसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियां आपको लुभाने के लिए एक्सचेंज ऑफर लेकर आती हैं. इस ऑफर के तहत आपके घर में पड़ी पुरानी लेकिन काम कर रही चीजों के बदले कंपनी आपको नए प्रोडक्ट पर डिस्काउंट देती है.
बार्टर ट्रांजैक्शन
यह ऑफर देने के लिए कंपनी आपके साथ नए सामान के सेल प्राइस के लिए हुए ट्रांजैक्शन के साथ-साथ एक बार्टर ट्रांजैक्शन भी करती है. कंपनी या तो आपके सामान की वर्किंग कंडीशन नहीं तो किसी फ्लैट रेट पर पुराने सामान के ऐवज में नया सामान देने का आपसे करार करती है. इस करार से प्रोडक्ट की सेल प्राइस कम हो जाती है.
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मौजूदा टैक्स प्रावधान
देशभर में फिलहाल कारोबारी टैक्स के नाम पर वैट (VAT) लगाया जाता है. वैट ट्रांजैक्शन की फाइनेनशियल वैल्यू पर लगाया जाता है. और किसी ट्रांजैक्शन की बार्टर वैल्यू पर VAT में टैक्स का प्रावधान नहीं है. लिहाजा, एक्सचेंज ऑफर के जरिए दुकानदार अथवा कंपनी अपने प्रोडक्ट को कम कीमत पर बेचकर अपना टैक्स बचा लेती हैं.
GST में प्रस्तावित नया नियम
केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए प्रस्तावित GST प्रावधान के मुताबिक नए टैक्स नियमों से किसी भी उत्पाद की कीमत पर टैक्स वसूला जाएगा. GST लागू होने के बाद दुकानदारों आथवा कंपनियों को अपने प्रोडक्ट को किसी ऑफर के तहत कम दाम पर बेचकर टैक्स बचाने का मौका नहीं मिलेगा. नियम लागू होने के बाद उसे प्रोडक्ट बनने के साथ ही उसे कुल लागत पर जीएसटी अदा कर देना होगा. लिहाजा, एक बार जीएसटी लागू हो जाए तो एक्सचेंज जैसे लुभावने ऑफर दुकानदारों के लिए टैक्स बचाने का काम नहीं कर पाएंगे.