माल एवं सेवाकर (GST) का पहला रिटर्न दाखिल करते वक्त व्यापारियों को जीएसटी नेटवर्क (GSTN) पोर्टल पर कई दिक्कतें पेश आ रही हैं. इसे लेकर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि जब उन्होंने इसे लेकर चेताया था तब उनकी किसी ने बात नहीं सुनी.
स्वामी ने इस ट्वीट में अपनी चेतावनी से संबंधित एक खबर भी डाली है, जिसमें GSTN की दिक्कतों को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि सरकार को अब यह पोर्टल प्राइवेट कंपनियों से छीन कर इसे केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के जिम्मे कर देना चाहिए.
GST network GSTN collapses, chaos all over in filing returns https://t.co/9QKFhEj3Oe via @PGurus1--Sad that no one listened when I warned
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 11, 2017
दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई माह के लिए पहला रिटर्न दाखिल करने में व्यापारियों को इसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने दावा किया है कि रिर्टन फाइल करने के आखिरी दिन ज्यादातर वक्त जीएसटी पोर्टल में दिक्कतें आती रही.
बाद में बताया गया कि GSTR-3B रिटर्न दाखिल करने के दौरान GSTN के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां आ गई थीं. इसके बाद GSTR-1 के लिए रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर भी 10 सितंबर किया गया है. हालांकि फिर भी चालान अपलोड करने की बहुत मारामारी देखी गई, जिसके बाद जीएसटी परिषद ने रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को एक माह बढ़ाकर 10 अक्तूबर कर दिया. राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने बताया कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार वाली कंपनियों के लिए GSTR-1 दाखिल करने की अंतिम तिथि 3 अक्तूबर होगी, जबकि बाकी के लिए यह 10 अक्तूबर होगी
वहीं कैट ने कहा है कि इस बीच पोर्टल का गहन टेक्निकल ऑडिट किया जाए, जिससे यह पोर्टल सामान्य तरीके से काम कर सके. कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि वह इस बारे में जल्द से जल्द वित्तमंत्री जेटली से मुलाकात करेंगे. खंडेलवाल ने कहा कि अगर टेक्निकल मोर्चे पर इस तरह की दिक्कतों का सिलसिला जारी रहा, तो इससे न सिर्फ व्यापारियों को परेशानी होगी, बल्कि सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा, क्योंकि सरकार का जीएसटी राजस्व काफी हद तक पोर्टल के सफल परिचालन पर निर्भर करता है.
इस बीच पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने कहा कि GSTN ने दावा किया कि वह तीन अरब चालान संभाल सकता है, लेकिन इसमें पिछले दिनों रिटर्न भरने के दौरान आ रही दिक्कतों से साफ हैं कि GST को हड़बड़ी में लागू किया गया.