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कम कीमत में ज्यादा सामान, GST रेट कटौती का ऐसे मिल रहा है फायदा

जीएसटी परिषद की तरफ से 200 से ज्यादा उत्पादों का रेट कम करने के बाद कंपनियां लगातार इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने की कोश‍िश कर रही हैं. इसके लिए जहां कई कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमत कम कर दी है. वहीं, कुछ कंपनियां अब आपको पुरानी कीमत में ही ज्यादा सामान दे रही हैं. 

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जीएसट रेट कटौती : पुरानी कीमत में ज्यादा सामान देने की तैयारी में कंपनियां
जीएसट रेट कटौती : पुरानी कीमत में ज्यादा सामान देने की तैयारी में कंपनियां

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जीएसटी परिषद की तरफ से 200 से ज्यादा उत्पादों का रेट कम करने के बाद कंपनियां लगातार इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने की कोश‍िश कर रही हैं. इसके लिए जहां कई कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमत कम कर दी है. वहीं, कुछ कंपनियां अब आपको पुरानी कीमत में ही ज्यादा सामान दे रही हैं. 

कंपनियों का नया फार्मूला

दरअसल कुछ एफएमसीजी कंपनियां व अन्य जीएसटी रेट में हुई कटौती का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने के लिए नया तरीका अपना रही हैं. वे कीमतें तो पुराने स्तर पर रख रही हैं, लेक‍िन उत्पाद की मात्रा में इजाफा कर रही हैं. बता दें कि सरकार की तरफ से कंपनियों को साफ शब्दों में कहा गया है कि घटे जीएसटी रेट का फायदा वह ग्राहकों तक पहुंचाए. इसके बाद कंपनियां इसका फायदा ग्राहकों को देने  के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही हैं.

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ये कंपनियां कर रही हैं ये बदलाव

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोडेलेज इंडिया , जो  बोर्नविटा, कैडबरी और ओरियो कुकीज बनाती है. उसके प्रवक्ता ने कहा है कि वे जहां कुछ उत्पादों की कीमत घटा रहे हैं. वहीं, कुछ उत्पादों की मात्रा बढ़ाकर उनकी पुरानी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. प्रवक्ता के मुताबिक इसमें 1, 2, 5 और 10 रुपये की रेंज वाले कई उत्पाद शामिल हैं.

हिंदुस्तान यूनिलिवर भी इसी राह पर

हिंदुस्तान यूनिलीवर भी कुछ इसी तरह की पहल कर रही है. कंपनी ने जहां कुछ उत्पादों की कीमतों में कटौती कर दी है. अब वह साबुन और डिटर्जेंट पाउडर की पुरानी कीमतें बदलने की बजाय उनकी मात्रा बढ़ा रही है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि पहले जैसे 10 रुपये में 125 ग्राम रिन पाउडर आता था. अब ग्राहकों को इतने में ही 140 ग्राम पाउडर मिलेगा.

इन दोनों कंपनियों के अलावा अन्य कई कंपनियां भी इसी तरह का फार्मूला अपना रही हैं. इससे वे नया एमआरपी लगाने की दिक्कत से भी बच रहे हैं और लोगों को जीएसटी रेट में कटौती का फायदा भी पहुंचा रहे हैं.

सरकार जारी कर चुकी है अध‍िसूचना

बता दें कि उपभोक्ता विभाग के मेट्रोलॉजी डिवीजन ने सभी एफएमसीजी कंपनियों को 16 नवंबर को अध‍िसूचना जारी की है. इस अध‍िसूचना के मुताबिक एफएमसीजी कंपनियों के पास जो मौजूदा स्टॉक है, उसे कंपनियां पुराने एमआरपी पर नहीं बेच सकती हैं. उन्हें इन उत्पादों पर भी नया अध‍िकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) दिखाना होगा. ताकि आम आदमी को घटे जीएसटी रेट का फायदा मिल सके.

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पुराने के साथ ही लगेगा नया MRP

विभाग ने अध‍िसूचना में इन कंपनियों से कहा है कि वे मौजूदा स्टॉक में जो भी उत्पाद उनके पास पड़े हैं. उन पर मौजूदा एमआरपी के साथ ही नया एमआरपी का स्टीकर चिपकाएं. विभाग ने साफ किया है कि पुराना एमआरपी भी दिखना चाहिए. इस तरह कंपनियों के पास जो पुराना स्टॉक पड़ा है. उन्हें उस पर भी नये एमआरपी के स्टीकर लगाने होंगे.

अब नहीं चलेगा पुराने स्टॉक का बहाना

ऐसे में कोई भी कंपनी इस आधार पर घटे जीएसटी रेट का फायदा देने से इनकार नहीं कर सकती कि उसके पास पुराना स्टॉक है. इससे पहले वित्त सचिव हंसमुख अध‍िया भी यही बात कह चुके हैं. उन्होंने सभी एफएमसीजी कंपनियों को जल्द ही रेट घटाने के लिए कहा था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो कंपनियों के ख‍िलाफ कार्रवाई हो सकती है.

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