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हाईवे पर शराबबंदी से कारोबार को झटका, अभी भी बंद हैं आधी दुकानें

देशभर में स्टेट और नैशनल हाईवे के 500 मीटर के दायरे में बंद शराब की दुकानों से शराब कारोबार को बड़ा धक्का लगा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1 अप्रैल 2017 से देशभर में लगभग 30,000 शराब की दुकानें प्रभावित हुईं. इनमें से लगभग 15,000 दुकानें अभी भी बंद हैं और इससे शराब कारोबार को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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हाईवे पर शराब दुकानों पर प्रतिबंध ने पतली कर दी कंपनियों की हालत
हाईवे पर शराब दुकानों पर प्रतिबंध ने पतली कर दी कंपनियों की हालत

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देशभर में स्टेट और नैशनल हाईवे के 500 मीटर के दायरे में बंद शराब की दुकानों से शराब कारोबार को बड़ा धक्का लगा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1 अप्रैल 2017 से देशभर में लगभग 30,000 शराब की दुकानें प्रभावित हुईं. इनमें से लगभग 15,000 दुकानें अभी भी बंद हैं और इससे शराब कारोबार को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि शराब कारोबारियों ने इन बंद दुकानों को दोबारा खुलवाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों पर लगातार दबाव बना रखा है. सरकार की तरफ से शराब कारोबारियों को राहत देने के लिए नैशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को डीनोटिफाई करने का काम किया जा रहा. लेकिन इस काम की रफ्तार सुस्त होने के कारण बीते 4 महीने के दौरान देश में शराब की सेल पर बड़ा असर पड़ा है.

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शराब इंडस्ट्री का मानना है कि कोर्ट के फैसले से कारोबार को हुए नुकसान से पूरी तरह उबरने में उसे इस साल के अंत तक इंतजार करना पड़ेगा, बशर्ते सरकार राज्य और नैशनल हाईवे को डीनोटिफाई करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर ले.

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20 फीसदी तक गिर गई शराब की बिक्री

हाईवे पर शराबबंदी के असर से देश की सबसे बड़ी कंपनी यूनाटेड स्पिरिट्स, जिसका संचालन दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी दाजियो करती है, को जून तिमाही में 19 फीसदी कम शराब की बिक्री हुई है. प्रतिबंध के चलते देश में व्हिस्की, वोडका, रम, ब्रांडी और जिन की सेल में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है.

वहीं व्हिस्की की अच्छी बिक्री वाले ब्रांड जैसे रॉयल चैलेंस, मैकडॉवल नंबर वन और एंटिक्विटी का मानना है कि इस फैसले से उसे लगभग 15 फीसदी सेल का नुकसान उठाना पड़ा है और संभव है कि स्थिति सामान्य होने के बाद भी उसे यह नुकसान देखना होगा क्योंकि ज्यादातर ग्राहक दूसरे ब्रांड पर जा चुके हैं.

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गौरतलब है कि अपने फैसले के बाद संशोधन करते हुए कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को शहरों से जाने वाली सड़कों को डिनोटिफाई करने की इजाजत दी है. इस फैसले से शहरी इलाकों में हाईवे शराबबंदी के असर को खत्म किया जा सकता है. इस फैसले के चलते अभी देश में सिर्फ हरियाणा और पंजाब ने अपने प्रदेश में सड़कों को डीनोटिफाई कर ज्यादातर शराब की दुकानों को दोबारा खोलने की हरी झंडी दे दी है.

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कर्नाटक, महाराष्ट्र में चौपट हुई ब्रांड की सेल

वहीं देश में सबसे ज्यादा शराब खपत वाले राज्य कर्नाटक ने नैशनल हाईवे अथॉरिटी को राज्य में लगभग 1500 किलोमीटर राज्य हाईवे को डीनोटिफाई करने के लिए कहा है. इन हाईवे के किनारे राज्य में लगभग 700 शराब की दुकानें बंद पड़ी हैं.

देश का दूसरे सबसे बड़े शराब खपत वाले राज्य महाराष्ट्र में जून तिमाही के दौरान शराब की सेल में लगभग 13 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. वहीं राज्य में व्हिस्की और रम की सेल में लगभग 30 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है.

शराबबंदी से पहले ही सकते में कारोबार

बिहार में शराब बंदी से पहले की शराब कारोबार को बड़ा झटका लग चुका है. अभी भी पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शराब पर प्रतिबंध लगाने की कवायद में लगे हैं. इसके चलते शराब कंपनियां इन राज्यों में अपना स्टॉक पहले ही घटा चुकी हैं जिसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है.

 

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