वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने बजट में आयकर सीमा में छूट देने की घोषणा की है.
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आज तक ब्यूरो
- नई दिल्ली,
- 26 फरवरी 2010,
- (अपडेटेड 16 मार्च 2010, 4:39 PM IST)
विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी वित्तीय वर्ष 2010-11 का बजट पेश कर रहे हैं. बजट भाषण के मुख्य अंश:
- पेट्रोल और डीजल में 1 रुपए की ड्यूटी बढ़ी.
- वैकल्पिक ईंधन के वाहन सस्ते होंगे.
- सोना, चांदी और प्लेटिनम पर आयात कर बढ़, महंगा होगा सोना.
- हीरे-जवाहरात भी महंगे होंगे.
- माइक्रोवेव ओवन सस्ते हुए.
- खेती की मशीनरी सस्ती होगी.
- सभी तरह के खिलौने सस्ते होंगे.
- वॉटर फिल्टर सस्ते होंगे.
- लैटेक्स, रबर पर टैक्स घटा.
- सर्विस टैक्स 12 फीसदी ही रहेगा.
- पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी बढ़ी, बढ़ेंगे दाम.
- तंबाकू उत्पाद और महंगे होंगे, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा महंगे होंगे.
- स्टील, सीमेंट और कारें महंगी होंगी.
- आयकर सीमा में छूट बढ़ाई गई.
- 1.6 लाख तक कोई आयकर नहीं.
- 1.6 लाख रुपये- 5 लाख रुपये तक -10 फीसदी.
- 80 सी में 20 हजार की बढ़त.
- 5-8 लाख तक 20 फीसदी टैक्स.
- 8 लाख से ऊपर 30 फीसदी आयकर. {mospagebreak}
- कंप्यूटरीकृत कर प्रणाली को मजबूत किया गया.
- 11 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- 800 करोड़ केंद्र का हिस्सा रहेगा.
- इसी साल सरल-दो को लागू किया जाएगा.
- दो पन्नों का नया आयकर रिटर्न फार्म होगा.
- न्याय क्षेत्रः राज्यों को 5000 करोड़ रुपये.
- कर प्रशासन में पारदर्शिता लायी जाएगी.
- महिला सशक्तिकरण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- न्याय क्षेत्रः राज्यों को 5000 करोड़ रुपये.
- अल्पसंख्यक विकास के लिए 2600 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- फर्टिलाइजर्स/उर्वरक के लिए बांड जारी किए जाएंगे.
- मजबूत टैक्स प्रणाली की जरूरत.
- खाद्य सुरक्षा बिल जल्द लाया जाएगा.
- महिला बाल विकास की राशि बढ़ी, अनुदान में 50 फीसदी की बढ़ोतरी.
- सामाजिक न्याय का अनुदार 80 फीसदी बढ़ा.
- कोयला खदानों की खुली बोली खुलेगी.
- यूनीक आईडी के लिए: 1,900 करोड़.
- डॉलर और यूरो की तरह बनाया जाएगा रुपये के निशान.
- होम लोन पर सब्सिडी जारी.
- नरेगा के लिए 48 हजार करोड़.
- हर नरेगा नए खाते में जमा होंगे 1,000 रुपए.
- राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा फंड में इजाफा.
- नरेगा: मजदूरों का स्वास्थ्य बीमा.
- 2020 तक कुशल श्रमिक तैयार होंगे. {mospagebreak}
- स्लम फ्री इंडिया देश का लक्ष्य.
- पॉवर प्लांट नीति को सरल किया गया.
- सर्वशिक्षा अभियान पर सरकार का खास ध्यान, अभियान से भारी लाभ हुआ.
- शिक्षा अनुदान में 2000 करोड़ की बढ़ोतरी.
- खाद्य सुरक्षा बिल पर काम नरेगा की तर्ज पर.
- 2010 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण होगा.
- स्वास्थ्य मंत्रायल के अनुदान में बढ़ोतरी.
- स्वास्थ्य के लिए 22 हजार 300 करोड़.
- स्कूली शिक्षाः 31 लाख 36 हजार करोड़.
- पॉवर सेक्टर के लिए 2230 से 2534 करोड़.
- मेगा पॉवर प्लांट नीति में सुधार.
- नदियों को बचाने के लिए खास फंड.
- गंगा नीति पर दोगुना खर्च.
- गंगा की सफाई के लिए 500 करोड़ का पैकेज. {mospagebreak}
- किसानो को 5 फीसदी पर मिलेगा कर्ज.
- पर्यावरण बचाने के लिए 2 हजार करोड़.
- 6 महीने के अंदर अर्थव्यवस्था की स्थिति पेश करूंगा.
- निजी बैंको के लिए नए लाइसेंस.
- एसईजेड को प्रोत्साहन.
- सड़क निर्माण के लिए बजट 90 हजार करोड़ रुपये किया.
- सड़क निर्माण के लिए 13 फीसदी फंड बढ़ा.
- 5 नए फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट लगेंगे.
- 20 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण प्रत्येक दिन होगा.
- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप बढ़ाने पर जोर दिया.
- रेलवे के लिए- 16 हजार 772 करोड़.
- किसानों को कर्ज माफी की मियाद 6 महीने बढ़ी.
- किसानों के लिए 3 लाख 75 हजार करोड़.
- एफडीआई नीति आसान की जाएगी, नियमों को लचीला बनाया जाए, ताकि धन की कमी न होने पाए.
- सरकारी बैंकों को 1200 करोड़ की मदद.
- एनबीएफसी कंपनियों को नए लाइसेंस.
- अर्थव्यवस्था पर पड़ा सूखे का असर.
- सरकारी खर्चे कर्म करना मुख्य लक्ष्य.
- जीएसटी 1 अप्रैल 2011 से लागू करने पर जोर. {mospagebreak}
- खाद सब्सिडी में बदलावा से फायदा होगा.
- विकास सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं.
- नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2011 से लागू होगा.
- राहत पैकेजों की समीक्षा की जरूरत.
- एफडीआई नीति आसान की जाएगी.
- सिंगल टैक्स सिस्टम पर काम होगा.
- वित्तीय प्रोत्साहनों से मांग बढ़ी.
- विकास दर बढ़ाना प्राथमिकता होगी.
- आर्थिक हालात सुधरे हैं.
- अप्रत्यक्ष कर और उपकर बढ़ने की उम्मीद है.
- कृषि पैदावार अच्छी नहीं हुई, उत्पादन पर पड़ा असर, फिर भी पाया संकट पर काबू.
- मंदी से विकास पर असर पड़ा.
- 9 फीसदी विकास दर का लक्ष्य.
- पी डी एस को मजबूत करने की जरूरत.
- गांवों के विकास पर सरकार देगी जोर.
- प्रशासनिक कमजोरियों को दूर करना होगा.
- महंगाई रोकने पर राज्यों से बातचीत.
- वित्तीय प्रोत्साहनों से मांग बढ़ी.
- प्रशासनिक कमजोरियों को दूर करना होगा.
- 6 महीने के अंदर अर्थव्यवस्था की स्थिति पेश करूंगा.
- सरकार कर्ज घटाने की पूरी कोशिश करेगी.