अस्थायी तौर पर बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज को खरीदने में ब्रिटेन के सबसे धनी कारोबारी ग्रुप हिंदुजा ने दिलचस्पी दिखाई है. हिंदुजा ग्रुप ने बयान जारी कर कहा कि वह जेट एयरवेज में अवसरों की तलाश में है. ऐसे में हिंदुजा ग्रुप के जेट एयरवेज में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के कयास लगाए जाने लगे हैं.
अभी जेट एयरवेज में खाड़ी देश की एयरलाइन कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है और वह कंपनी में दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदार है. एतिहाद की ओर से जेट एयरवेज में निवेश का प्रस्ताव जरूर है लेकिन वह प्रमुख निवेशक बनने को तैयार नहीं है. निवेशकों के मुताबिक जेट को चलाने के लिए उसे अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये तक के पूंजी की जरूरत होगी.
बैंकों के पास कंट्रोलवर्तमान में जेट एयरवेज की कमान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में बैंकों के समूह के पास है. जेट एयरवेज पर करीब 8,400 करोड़ रुपये का कर्ज है. इस कर्ज की वसूली के लिए बैंकों के समूह ने एयरलाइन को बेचना चाहती है. यही वजह है कि जेट एयरवेज की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
इसमें हिस्सा लेने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पाटर्नर्स, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज की संक्षिप्त सूची बनाई गई थी. इन कंपनियों ने अपने एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) पेश किए लेकिन अंतिम तिथि 10 मई को सिर्फ एतिहाद ने अपनी निविदा की पेशकश की.
बता दें कि नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज पिछले करीब एक माह के ठप खड़ी है. वहीं नागर विमानन मंत्रालय विभिन्न एयरपोट पर एयरलाइन के स्लॉट अन्य एयरलाइंस को अस्थायी रूप से दे चुका है. इन हालातों में सैकड़ों कर्मचारी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में शामिल हो गए हैं. इस बीच, कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. इन घटनाओं ने एयरलाइन के दोबारा से शुरू होने के बारे में अनिश्चितताओं को बढ़ा दिया है.
हिंदुजा ग्रुप के बारे में
1914 में मुंबई से शुरू हुआ हिंदुजा ग्रुप फिलहाल तेल, गैस, बैंकिंग, आईटी और रियल एस्टेट के कारोबार में अपना लोहा मनवा रहा है. ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार उसके कर्मचारियों की संख्या डेढ़ लाख है. वहीं हाल ही में हिंदुजा बंधु ब्रिटेन के सबसे धनी कारोबारी बने हैं. हिंदुजा बंधु तीसरी बार ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति बने हैं. संडे टाइम्स की रिच लिस्ट के मुताबिक, उनकी संपत्ति एक साल में 1.356 बिलियन पाउंड (12 हजार 270 करोड़ रुपये) बढ़ी है.