रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि वेतनभोगियों के मुकाबले स्वरोजगार में लगे लोगों को होम लोन देना अधिक जोखिमपूर्ण है. उन्होंने इसकी वजह उनकी आय में उतार-चढ़ाव बताई,जिसकी वजह से भुगतान में चूक की संभावना अधिक होती है.
रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, 'उधार लेने वाले लोगों के व्यवहार का अध्ययन करने से पता चलता है कि स्वरोजगार में लगे लोगों को दिए गए होम लोन के भुगतान में चूक की 50 प्रतिशत तक संभावना रहती है, जिसकी वजह आय में अधिक उतार-चढ़ाव आना है. आर्थिक नरमी के दौर में यह देखा गया.'
हालांकि, बैंक एवं वित्तीय संस्थान इस जोखिम को लेकर सतर्क हैं और इस वर्ग में लोगों से वसूले जाने वाले ब्याज की औसत दर वेतनभोगी ग्राहकों की तुलना में आधा प्रतिशत अधिक है.