नैशनल और स्टेट हाइवे पर बार, होटल और शराब के ठेकों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगे प्रतिबंध से सरकार की कमाई पर बड़ा असर पड़ेगा. फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने दावा किया है कि सरकार के इस कदम से उसे बस 3 नुकसान का ही सामना करना पड़ेगा और जिस उद्देश्य से यह प्रतिबंध लगाया गया है वह पूरा होने की संभावना कम है.
शराब प्रतिबंध को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रहा है एफएचआरएआई
उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के आसपास शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाये जाने के मद्देनजर एफएचआरएआई कानूनी विकल्प तलाश रहा है. एफएचआरएआई ने दलील दी है कि इस प्रतिबंध से सरकार को होने वाले 3 नुकसान
1. एक लाख से अधिक बिजनेस प्रभावित
2. दस लाख नौकरियां दांव पर हैं
3. सरकारी खजाने को दो लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान
एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष दिलीप सी दतवानी ने बयान में कहा कि सरकारी खजाने को दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान तथा एक लाख प्रतिष्ठानों का बंद होना कोई छोटी बात नहीं है. एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष टी एस वालिया ने शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के ईद-गिर्द निश्चित दूरी में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है जबकि ऐसा करते समय शहरों के मामले में व्यावहारिक पहलू को नहीं देखा गया है.
क्यों लिया गया फैसला?
इससे होटल और रेस्तरां प्रभावित होंगे जिन्होंने देश के पर्यटन उद्योग के विकास में करोड़ों रुपये का निवेश किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध से कोई लक्षित उद्देश्य हासिल नहीं होगा. यदि इससे कोई नतीजे मिलते तो हम अपने नुकसान को नहीं देखते, लेकिन वास्तविकता यह है कि इससे सिर्फ नौकरियों और दूसरे नुकसान ही होंगे. इसे जिस मंशा से किया गया है वह हासिल नहीं हो पाएगा. दतवानी ने कहा कि भावना की दृष्टि से देखा जाए तो यह फैसला अच्छा है लेकिन इसमें अन्य संबंधित मुद्दों को नहीं देखा गया है.