'मुझे नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है.'
साइरस मिस्त्री ने 24 अक्टूबर 2016 को अपनी पत्नी रोहिका को ये मैसेज भेजा था, जब उन्हें बताया गया कि टाटा संस बोर्ड की मीटिंग में उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. मिस्त्री को उसी दिन दोपहर 2 बजे बोर्ड मीटिंग में शामिल होना था.
इसका खुलासा मिस्त्री के कार्यकाल के दौरान ग्रुप एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य रहे निर्मल्य कुमार ने शनिवार को लिखे अपने ब्लॉग में किया है. निर्मल्य ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि टाटा ग्रुप इस मामले को और बेहतर तरीके से हैंडल कर सकता था.
कुमार ने लिखा है, 'मिस्त्री के सार्वजनिक अपमान से परहेज करके कई चीजों से बचा जा सकता था. दुर्भाग्य रूप से ऐसा नहीं हो पाया और टाटा ग्रुप के साथ रतन टाटा, मिस्त्री और टाटा ब्रैंड की प्रतिष्ठा को भी धक्का लगा.'
अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा है, 'मिस्त्री का कॉन्ट्रैक्ट 31 मार्च 2017 तक था, इस तरह अचानक उनको निकालने के बजाय बोर्ड चाहता तो सिर्फ 5 महीने का इंतजार कर सकता था.'
निर्मल्य कुमार अब सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी में मार्केटिंग प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप ने मिस्त्री को हटाए जाने को लेकर अब तक कोई साफ वाजिब कारण नहीं बताया है. ब्लॉग कहता है कि सीईओ को हटाया जाना हमेशा खबर होती है, मिस्त्री को हटाया जाना असामान्य इसलिए था कि क्योंकि 148 सालों के इतिहास में टाटा ग्रुप में केवल 6 चेयरमैन हुए हैं.
कुमार ने आगे लिखा है कि टाटा ग्रुप हायर एंड फायर पॉलिसी के लिए नहीं जाना जाता है और मिस्त्री का चयन बेहद सावधानी पूर्वक किया गया था, चयन की प्रक्रिया एक साल से ज्यादा समय तक चली थी.